अमित शाह और राहुल गांधी कर्नाटक के दौरे पर
विपक्षी कांग्रेस आंतरिक कलह का सामना कर रही है, जबकि सत्तारूढ़ भाजपा को अपनी ही पार्टी के कार्यकर्ताओं और हिंदू संगठनों के कार्यकर्ताओं के क्रोध का सामना करना पड़ रहा है। यह देखते हुए कि चुनाव होने में आठ महीने से भी कम समय रह गया है, राज्य की चुनौतियां गंभीर हैं, जो संबंधित राजनीतिक दलों के लिए विनाशकारी साबित हो सकती हैं, पार्टी का शीर्ष नेतृत्व रणनीति तैयार करने की कोशिश कर रहा है।
राहुल गांधी मंगलवार रात यहां पहुंचे और सिद्धारमैया के युद्धरत गुटों और राज्य इकाई के प्रमुख डी.के. शिवकुमार से मिले। पार्टी सूत्रों के मुताबिक राहुल गांधी ने साफ तौर पर नेताओं से सामूहिक नेतृत्व में चुनाव लड़ने को कहा है।
सूत्रों ने यह भी कहा कि राहुल गांधी ने सिद्धारमैया और शिवकुमार दोनों को स्पष्ट निर्देश दिया है कि वे प्रतिस्पर्धा में शामिल न हों जिससे भाजपा को फायदा हो। राहुल गांधी चित्रदुर्ग में लिंगायत संत शिवमूर्ति मुरुघ शरणारू से भी मुलाकात कर रहे हैं।
बाद में राहुल गांधी सिद्धारमैया की 75वीं जयंती मनाने के लिए एक समारोह में एक सभा को संबोधित करेंगे। पार्टी राज्य में बड़े पैमाने पर सम्मेलन के साथ गति प्राप्त करने की उम्मीद कर रही है।
अमित शाह बुधवार देर रात बेंगलुरु पहुंचेंगे। हालांकि उनके यात्रा कार्यक्रम में कोई राजनीतिक बैठक शामिल नहीं है।
सूत्रों ने कहा कि अमित शाह जमीनी रिपोर्ट लेंगे और भाजपा के खिलाफ पार्टी कार्यकर्ताओं और हिंदू कार्यकर्ताओं के गुस्से पर राज्य नेतृत्व पर सवाल उठाएंगे।
दक्षिण कन्नड़ जिले में युवा मोर्चा के कार्यकर्ता प्रवीण कुमार नेट्टारे की हत्या के बाद सत्तारूढ़ भाजपा को पार्टी कार्यकर्ताओं की नाराजगी का सामना करना पड़ रहा है। पार्टी कार्यकर्ताओं ने गृहमंत्री अरागा ज्ञानेंद्र के आवास पर भी घेराबंदी कर राज्य नेतृत्व को भारी शर्मसार किया था।
रात 11 बजे अमित शाह बेंगलुरू पहुंचेंगे। बुधवार को ताज वेस्ट होटल में ठहरेंगे। वह सुबह 11 बजे से दोपहर 12.30 बजे तक संकल्प से सिद्धि सम्मेलन में भाग लेंगे। गुरुवार को वह दोपहर 2.35 बजे नई दिल्ली लौटेंगे।
हालांकि, पार्टी सूत्रों ने कहा कि वह दक्षिण कन्नड़ जिले में सिलसिलेवार हत्याओं और हिंदू कार्यकर्ताओं के गुस्से के बाद राज्य के मौजूदा हालात पर चर्चा करेंगे।
--आईएएनएस
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