अमित शाह की रैली से पहले एनआईए ने बिहार में की छापेमारी
शाह की रीली शुक्रवार को पूर्णिया में होगी और शनिवार को किशनगंज में वो बैठक करेंगे। ये दोनों जिले सीमांचल क्षेत्र के मुस्लिम बहुल जिले माने जाते हैं।
एनआईए की अलग-अलग टीमों ने गुरुवार सुबह पूर्णिया और अररिया के पीएफआई कार्यालयों में पहुंचकर उनमें उपलब्ध दस्तावेजों की जांच की।
बिहार के अलावा, एनआईए ने उत्तर प्रदेश, केरल, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, कर्नाटक और तमिलनाडु में भी छापेमारी की।
सूत्रों ने बताया कि छापेमारी के दौरान पीएफआई से जुड़े 106 लोगों को भी गिरफ्तार किया गया है। एनआईए सूत्रों ने कहा है कि पीएफआई पर देश में की गई यह सबसे बड़ी छापेमारी होगी।
छापेमारी के बाद, भाजपा सांसद गिरिराज सिंह ने जनता दल-यूनाइटेड के प्रमुख और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और राष्ट्रीय जनता दल के प्रमुख लालू प्रसाद यादव को राज्य को आतंकवादियों के लिए आश्रय गृह बनाने का आरोप लगाया। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि दोनों नेता राज्य में पीएफआई को सांस्कृतिक संगठन बनाने की मदद कर रहे हैं।
सिंह ने कहा, पीएफआई देश में एक आतंकवादी संगठन है। स्टूडेंट इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया (सिमी) के प्रतिबंध के बाद, इसके नेताओं ने संगठन को पीएफआई में बदल दिया और राज्य में स्लीपर सेल का गठन किया। इसके लिए नीतीश कुमार और लालू प्रसाद यादव जिम्मेदार हैं।
इस बीच, सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया (एसडीपीआई) ने दिल्ली में एक बयान जारी किया और इसके राष्ट्रीय अध्यक्ष एम. के. फैजी ने एनआईए द्वारा छापेमारी और पीएफआई नेताओं की गिरफ्तारी की निंदा की।
--आईएएनएस
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