अर्पिता मुखर्जी का सालाना जीवन बीमा प्रीमियम 1.5 करोड़ रुपये है

कोलकाता, 20 सितंबर (आईएएनएस)। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के अनुसार, करोड़ों रुपये के पश्चिम बंगाल स्कूल सेवा आयोग (डब्ल्यूबीएसएससी) घोटाले में पूर्व मंत्री पार्थ चटर्जी के करीबी भरोसेमंद मानी जाने वाली अर्पिता मुखर्जी की 31 जीवन बीमा पॉलिसियों के लिए वार्षिक प्रीमियम राशि 1.5 करोड़ रुपये है।
अर्पिता मुखर्जी का सालाना जीवन बीमा प्रीमियम 1.5 करोड़ रुपये है
अर्पिता मुखर्जी का सालाना जीवन बीमा प्रीमियम 1.5 करोड़ रुपये है कोलकाता, 20 सितंबर (आईएएनएस)। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के अनुसार, करोड़ों रुपये के पश्चिम बंगाल स्कूल सेवा आयोग (डब्ल्यूबीएसएससी) घोटाले में पूर्व मंत्री पार्थ चटर्जी के करीबी भरोसेमंद मानी जाने वाली अर्पिता मुखर्जी की 31 जीवन बीमा पॉलिसियों के लिए वार्षिक प्रीमियम राशि 1.5 करोड़ रुपये है।

जांच एजेंसी ने सोमवार को विशेष ईडी अदालत में पेश किए गए अपने पहले आरोप पत्र में इस आंकड़े का हवाला दिया और कहा कि इन अधिकांश जीवन बीमा पॉलिसियों में पार्थ चटर्जी स्वयं नामित हैं।

केंद्रीय एजेंसी के अधिकारियों द्वारा बरामद बैंक स्टेटमेंट के रिकॉर्ड के अनुसार, राज्य के पूर्व शिक्षा मंत्री अपने विभिन्न बैंक खातों से इन प्रीमियम का भुगतान करते थे।

इन पॉलिसियों में, चटर्जी को मुखर्जी के रिश्तेदार के रूप में नामित किया गया है।

ईडी ने कहा, बीमा पॉलिसी और उनका भुगतान प्रक्रिया यह साबित करने के लिए पर्याप्त है कि पार्थ चटर्जी और अर्पिता मुखर्जी एक-दूसरे से कितनी अच्छी तरह से परिचित थे।

अधिकारी ने कहा कि इन पॉलिसी के अलावा, चटर्जी और मुखर्जी के संयुक्त स्वामित्व वाली कुछ अन्य भूमि संपत्ति भी केंद्रीय एजेंसी के अधिकारियों के लिए दोनों के बीच घनिष्ठ संबंध को साबित करने के काम आएगी।

चार्जशीट में ईडी ने कुल आठ लोगों को, जिनमें पार्थ चटर्जी, अर्पिता मुखर्जी और शेल कंपनियों के छह निदेशकों को नामजद किया है, जो घोटाले की आय को अलग-अलग तरीकों से वैध दिखाने का काम करते थे।

जांच एजेंसी का दावा है कि चटर्जी और मुखर्जी के पास 103.10 करोड़ रुपये की संपत्ति है।

ईडी के अधिकारियों ने कहा कि जुलाई में कोलकाता में मुखर्जी के दो आवासों से जब्त की गई संपत्ति में 49.80 करोड़ रुपये की नकदी और 5.08 करोड़ रुपये का सोना शामिल है।

शेष राशि अन्य अचल संपत्ति जैसे बैंक डिपोजिट, भूमि और आवास के रूप में संपत्ति और कई कंपनियों में निवेश के रूप में है।

ईडी ने घोटाले के मुख्य आरोपी के रूप में चटर्जी और मुखर्जी को भी नामित किया है।

--आईएएनएस

पीके/एसकेपी

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