आल वेदर रोड का 82 प्रतिशत काम हुआ पूरा

देहरादून, 2 मई (आईएएनएस)। तीर्थाटन और पर्यटन के साथ ही सामरिक महत्व के लिहाज से महत्वपूर्ण चारधाम आल वेदर रोड परियोजना तेजी से पूरी हो रही है। अब तक इस परियोजना का लगभग 82 प्रतिशत कार्य पूर्ण हो चुका है। अब इसकी राह में कुछ पर्यावरणीय अड़चनें हैं। इनके समाधान के लिए राज्य सरकार ने केंद्र को पत्र भेजा है।
आल वेदर रोड का 82 प्रतिशत काम हुआ पूरा
आल वेदर रोड का 82 प्रतिशत काम हुआ पूरा देहरादून, 2 मई (आईएएनएस)। तीर्थाटन और पर्यटन के साथ ही सामरिक महत्व के लिहाज से महत्वपूर्ण चारधाम आल वेदर रोड परियोजना तेजी से पूरी हो रही है। अब तक इस परियोजना का लगभग 82 प्रतिशत कार्य पूर्ण हो चुका है। अब इसकी राह में कुछ पर्यावरणीय अड़चनें हैं। इनके समाधान के लिए राज्य सरकार ने केंद्र को पत्र भेजा है।

चारधाम आल वेदर रोड प्रदेशवासियों के साथ ही प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की प्रमुख परियोजनाओं में शामिल है। प्रधानमंत्री मोदी ने वर्ष 2016 में उत्तराखंड को चारधाम आल वेदर रोड की सौगात दी थी। 27 दिसंबर 2016 को प्रधानमंत्री ने इसका शिलान्यास किया और वर्तमान में 889 किमी लंबी इस सड़क के 691 किमी के कार्य स्वीकृत हो चुके हैंए जिन पर काम चल रहा है। अभी इस योजना में वन भूमि हस्तांतरण के मामलों ने राह में रोड़े अटकाए हुए हैं। खासकर भागीरथी ईको सेंसिटिव जोन से गुजरने वाली 88 किमी लंबी सड़क पर ही पांच जगह सेंसिटिव जोन के प्रतिबंध आड़े आ रहे हैं। इसके अलावा ऋषिकेश बाईपासए के अलावा कुमाऊ मंडल से जुड़ने वाले पांच मार्गों पर प्रस्तावित बाईपास के निर्माण को केंद्र सरकार को स्वीकृति के लिए भेजा गया है।

इन कार्यों को स्वीकृति का इंतजार

एनएच. 58 (ऋषिकेश बाईपास)- 17 किमी

एनएच . 94 (ओजरी स्लाइड जोन)- 2 किमी

एनएच. 109 (खाट स्लाइड जोन)- 2 किमी

एनएच . 125 (चम्पावत बाईपास)- 10 किमी

एनएच . 125 (पिथौरागढ़ बाईपास)- 15 किमी

एनएच. 125 (लोहाघाट बाईपास)- 9 किमी

एनएच . 59 (लामबगड़ से बेनाकुली बाईपास) - 4 कमी

एनएच . 108 (भागीरथी इको सेंसिटिव जोन) - 88 किमी

परियोजना पर एक नजर

कुल लागत - 11700 करोड़

कुल लंबाई - 889 किलोमीटर

पूर्ण एवं गतिमान कार्य - 645 किमी

यूटिलिटी डक्ट - 600 किमी में पूर्ण

चौड़ीकरण का कार्य - 587 किमी पूर्ण

प्रोटेक्शन कार्य - 383 किमी में पूर्ण

क्रैश बैरियर - 289 किमी में पूर्ण

परियोजना में यहां होना है कार्य

ऋषिकेश से रुद्रप्रयाग - 140 किमी

रुद्रप्रयाग से माणा - 160 किमी

ऋषिकेश से धरासू - 144 किमी

धरासू से गंगोत्री - 124 किमी

धरासू से यमुनोत्री - 95 किमी

रुद्रप्रयाग से गौरीकुंड - 76 किमी

टनकपुर से पिथौरागढ़ - 150 किमी

कुल- 889 किमी

--आईएएनएस

स्मिता/एएनएम

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