इंदौर में बस ड्राइवर सीट पर महिला सवार!

इंदौर, 6 सितंबर (आईएएनएस)। बस की ड्राइविंग सीट पर पुरुष ही नजर आते हैं, मगर मध्य प्रदेश की व्यापारिक नगरी इंदौर की सड़कों पर दौड़ती बसों की ड्राइविंग सीट पर महिलाओं को देखकर हर कोई चकित है। इंदौर में महिलाओं के लिए पिंक बस सेवा शुरु की गई है, इसमें चालक और परिचालक महिलाएं हैं।
इंदौर में बस ड्राइवर सीट पर महिला सवार!
इंदौर में बस ड्राइवर सीट पर महिला सवार! इंदौर, 6 सितंबर (आईएएनएस)। बस की ड्राइविंग सीट पर पुरुष ही नजर आते हैं, मगर मध्य प्रदेश की व्यापारिक नगरी इंदौर की सड़कों पर दौड़ती बसों की ड्राइविंग सीट पर महिलाओं को देखकर हर कोई चकित है। इंदौर में महिलाओं के लिए पिंक बस सेवा शुरु की गई है, इसमें चालक और परिचालक महिलाएं हैं।

अटल इंदौर सिटी ट्रांसपोर्ट सर्विसेस लिमिटेड इंदौर द्वारा महिलाओं के सशक्तिकरण, स्वावलंबन तथा उनकी सुरक्षा को ²ष्टिगत रखते हुये महिला ड्राइवरों द्वारा संचालित प्रदेश की पहली यात्री बस का संचालन शुरू किया गया। इस बस में प्रति दिन लगभग दो हजार महिलाएं सफर कर सकेंगी। इस पिंक बस में आज से आत्मनिर्भरता और सशक्तिकरण का स्टीयरिंग महिला ड्राइवरों के हाथों में आ गया है। इस बस में परिचालक भी महिलाएं ही रहेंगी।

इस पिंक बस को पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री उषा ठाकुर तथा नगर निगम आयुक्त प्रतिभा पाल ने हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। दो महिला ड्राइवर रितु नरवाले और अर्चना कटारे को बस चलाने का एक माह का विशेष प्रशिक्षण दिया गया। पिछले दिनों महिला ड्राइवरों के साथ पिंक बस का ट्रायल रन भी सफलतापूर्वक किया गया। इसके बाद इन बसों का संचालन शुरू किया गया। यह पिंक बसें सीसीटीवी कैमरे, ऑन बोर्ड यूनिट, सेंसर डोर के साथ महिला सशक्तिकरण संबंधी सुविचारों से सुसज्जित है। ये बसें महिला ड्राइवर के साथ प्रात: आठ बजे से दोपहर तीन बजे तक पांच फेरे (निरंजनपुर - राजीव गांधी - निरंजनपुर) लगाएंगी। इसके बाद बस का संचालन महिला परिचालक के साथ रात्रि सवा दस बजे तक किया जायेगा। प्रतिदिन इन दो पिंक बसों में लगभग 2000 महिलाएं सफर कर सकेंगी। इन बसों में लक्ष्मी असवरा और पुष्पा चैहान परिचालक के रूप में कार्यरत हैं।

पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री उषा ठाकुर ने कहा कि यह गर्व का विषय है कि प्रदेश में पहली बार महिला ड्राइवरों के साथ यात्री बसों का संचालन इंदौर से प्रारंभ हुआ है। एआईसीटीएसएल की प्राथमिकता में महिला आत्मनिर्भरता विषय सदैव से है। बीआरटीएस पर नियुक्त महिला टिकट इश्यूर हो अथवा शहर में पहली बार संचालित किए गए महिला ई रिक्शा संचालन की ट्रेनिंग और अब महिला ड्राइवर के साथ यात्री बस इसका बेहतर उदाहरण है।

--आईएएनएस

एसएनपी/एएनएम

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