इरुला की महिलाओं के साथ न्याय सुनिश्चित करें: रामदौस ने तमिलनाडु के डीजीपी से किया आग्रह
उन्होंने कहा कि अभी तक पुलिसकर्मियों के खिलाफ सही चार्जशीट दाखिल नहीं की गई है।
रामदौस ने कहा कि सिलेंद्र बाबू घटना के समय उत्तरी क्षेत्र के आईजी थे। उन्होंने पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया और इरुला महिलाओं की मदद की थी, लेकिन अब मामला अपने अंजाम तक पहुंचना चाहिए और महिलाओं को न्याय मिलना चाहिए।
पीएमके नेता ने कहा कि असहाय इरुला महिलाओं के लिए न्याय में देरी करना वंचित करने के समान है और पीड़ितों को न्याय देने के लिए डीजीपी से आह्वान किया।
सुपरस्टार सूर्या अभिनीत फिल्म जय भीम में पुलिस हिरासत में एक इरुला आदिवासी युवक, राजकन्नू की यातना और उसके बाद की हत्या को दर्शाया गया है, जो वास्तविक जीवन की घटना थी जिसने 1993 के दौरान तमिलनाडु में कुड्डालोर को हिला दिया था।
सूर्या ने एडवोकेट चंद्रू की भूमिका निभाई है जिन्होंने मद्रास हाई कोर्ट में केस लड़कर पीड़ित की गर्भवती पत्नी को न्याय दिलाने में मदद की थी।
पीएमके ने फिल्म पर आपत्ति जताते हुए कहा था कि इसमें कुछ दृश्य वन्नियार समुदाय की भावनाओं को आहत कर रहे हैं, जिसके बाद फिल्म के निर्देशक टीएस ज्ञानवेल ने बिना शर्त माफी मांगते हुए कहा कि फिल्म एक गरीब असहाय व्यक्ति पर पुलिस की ज्यादती को चित्रित करने के लिए थी। किसी की भावनाओं को ठेस पहुंचाने का इरादा नहीं है।
--आईएएनएस
एसएस/आरजेएस