कन्हैया कुमार के कांग्रेस में शामिल होने की अटकलें तेज, सहयोगी बोले सिर्फ अफवाह

नई दिल्ली, 14 सितम्बर (आईएएनएस)। जेएनयू छात्र संघ के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार के कांग्रेस पार्टी में शामिल होने को लेकर मीडिया और कांग्रेस गुट में कयास लगाए जा रहे हैं। भाकपा नेता के करीबी सूत्रों ने हालांकि इस पर सफाई देते हुए कहा कि ये अफवाहें हैं जो फैलाई जा रही हैं। उनके कांग्रेस में शामिल होने की कोई बात नहीं है।
कन्हैया कुमार के कांग्रेस में शामिल होने की अटकलें तेज, सहयोगी बोले सिर्फ अफवाह
कन्हैया कुमार के कांग्रेस में शामिल होने की अटकलें तेज, सहयोगी बोले सिर्फ अफवाह नई दिल्ली, 14 सितम्बर (आईएएनएस)। जेएनयू छात्र संघ के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार के कांग्रेस पार्टी में शामिल होने को लेकर मीडिया और कांग्रेस गुट में कयास लगाए जा रहे हैं। भाकपा नेता के करीबी सूत्रों ने हालांकि इस पर सफाई देते हुए कहा कि ये अफवाहें हैं जो फैलाई जा रही हैं। उनके कांग्रेस में शामिल होने की कोई बात नहीं है।

कांग्रेस के सूत्रों का कहना है कि वह पहले भी राहुल गांधी से मिलते रहे हैं और पार्टी में शामिल होने का प्रस्ताव पिछले लोकसभा चुनाव से लंबित है।

सूत्रों ने यह भी कहा कि पहले भी बातचीत के दौरान कन्हैया कुमार ने राज्य में आंदोलन शुरू करने और फिर धीरे-धीरे इसे राष्ट्रीय स्तर पर ले जाने के लिए बिहार में उनके साथ काम करने के लिए अपनी टीम को शामिल करने पर जोर दिया था।

कांग्रेस राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के नेता तेजस्वी यादव के साथ अपने विकल्पों और संबंधों को तौल रही है। राजद कांग्रेस की सबसे पुरानी सहयोगी है और वह राजद का साथ नहीं छोड़ना चाहती।

हालांकि, पिछले तीन साल से विचार-विमर्श में शामिल सूत्रों का कहना है कि कांग्रेस को पहले अपनी पार्टी को मजबूत करना चाहिए और फिर राजद के साथ अपने संबंधों की परवाह करनी चाहिए।

हाल के विधानसभा चुनावों में बिहार में कांग्रेस को हार का सामना करना पड़ा था। यह महागठबंधन के साथ 70 सीटों पर चुनाव लड़ते हुए सिर्फ 19 सीटें जीतने में सफल रही और इसके प्रदर्शन को गठबंधन की हार का एक कारण माना गया।

इस बीच, कांग्रेस पार्टी बिहार इकाई में फेरबदल को अंतिम रूप दे रही है। सूत्रों ने बताया है कि प्रदेश प्रभारी भक्त चरण दास ने प्रदेश अध्यक्ष पद के लिए राजेश राम के नाम का प्रस्ताव दिया है।

चुनावी हार के बाद मौजूदा प्रदेश अध्यक्ष मदन मोहन झा ने इस्तीफा दे दिया है। महागठबंधन की चुनावी हार के लिए कांग्रेस को दोषी ठहराया गया है क्योंकि वह बहुमत से कुछ ही कम थी।

--आईएएनएस

एसकेके/आरजेएस

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