करनाल में धरना के दूसरे दिन किसान नेताओं ने बुलाई बैठक

करनाल, 8 सितम्बर (आईएएनएस)। 28 अगस्त को लाठीचार्ज की घटना को लेकर लगातार दूसरे दिन भी विरोध प्रदर्शन जारी रखते हुए किसान नेताओं ने बुधवार को यहां करनाल में नई बैठक शुरू कर दी है।
करनाल में धरना के दूसरे दिन किसान नेताओं ने बुलाई बैठक
करनाल में धरना के दूसरे दिन किसान नेताओं ने बुलाई बैठक करनाल, 8 सितम्बर (आईएएनएस)। 28 अगस्त को लाठीचार्ज की घटना को लेकर लगातार दूसरे दिन भी विरोध प्रदर्शन जारी रखते हुए किसान नेताओं ने बुधवार को यहां करनाल में नई बैठक शुरू कर दी है।

भारतीय किसान यूनियन (बीकेयू) के नेता राकेश टिकैत, योगेंद्र यादव, करनाल स्थित बीकेयू नेता जगदीप सिंह चादुनी और अन्य कृषि संगठनों के कुछ प्रतिनिधि बैठक में शामिल हुए।

आगे का रास्ता तय करने के लिए आगे की रणनीति तैयार करने के लिए नई बैठक बुलाई गई है।

आंदोलनकारी किसानों ने कहा कि 24 घंटे से अधिक समय हो गया है कि वे आईएएस अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रहे हैं, जिन्होंने 28 अगस्त को लाठीचार्ज का आदेश दिया था और इस मामले पर वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों के साथ कई दौर की बातचीत भी की, लेकिन अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई।

आईएएस अधिकारी (एसडीएम आयुष सिन्हा, जिनका तबादला चंडीगढ़ किया गया है) के खिलाफ कार्रवाई की मांग की। किसानों ने कहा कि जब तक सरकार कार्रवाई नहीं करती, वे अपने चल रहे विरोध को वापस नहीं लेंगे।

मंगलवार तड़के अनाज मंडी में शुरू हुआ विरोध बुधवार को हरियाणा के करनाल जिले के मिनी सचिवालय में स्थानांतरित हो गया। धरना प्रदर्शन में आसपास के क्षेत्रों से अधिक से अधिक लोग शामिल हुए हैं।

बैठक में किसान कई जिलों में इंटरनेट सेवाएं बंद करने पर भी चर्चा करेंगे।

राकेश टिकैत ने कहा, हमारी मांगें पूरी होने तक हमारा विरोध जारी रहेगा। हमने केवल मांग रखी है कि आईएएस अधिकारी को निलंबित किया जाना चाहिए और उनके खिलाफ एक स्वतंत्र जांच शुरू की जानी चाहिए।

इस बीच किसानों ने धरना तेज करने के लिए डीसी कार्यालय के बाहर टेंट लगा दिया है। कुछ किसानों ने तो यहां तक कह दिया है कि अगर उनकी मांगें नहीं मानी गईं तो जिला प्रशासन कार्यालय के सामने धरना बढ़ाया जाएगा।

28 अगस्त की घटना के बाद, आईएएस आयुष सिन्हा की एक वीडियो-क्लिप ने किसानों के सिर पर बल को मारने का आदेश दिया था, सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद विवाद पैदा हो गया था। किसानों ने लाठीचार्ज में सिर में चोट लगने वाले और बाद में हार्ट अटैक पड़ने मौत हो गई थी। घरुंडा के किसान सुशील काजल के परिजनों को 25 लाख रुपये का मुआवजा और सरकारी नौकरी देने की मांग की और घायलों के लिए 2 लाख रुपये के मुआवजे की मांग की।

--आईएएनएस

एचके/आरजेएस

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