कलकत्ता उच्च न्यायालय ने बंगाल सरकार से गायक केके के निधन पर हलफनामा दाखिल करने को कहा
मुख्य न्यायाधीश प्रकाश श्रीवास्तव और न्यायमूर्ति राजर्षि भारद्वाज की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने राज्य सरकार को तीन सप्ताह के भीतर अपना हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया। इसने सरकार से भी सावधान रहने को कहा ताकि इस तरह की दुखद घटनाएं दोबारा घटित न हों।
केके के दुर्भाग्यपूर्ण निधन पर अधिवक्ता इम्तियाज अहमद, सौम्या शुभ्रो रॉय और स्यान बंदोपाध्याय द्वारा तीन जनहित याचिकाएं दायर की गई हैं और एक में याचिकाकर्ता ने मामले की केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) से जांच की मांग की है।
आरोप लगाया गया था कि 31 मई को नजरूल मंच पर केके के प्रदर्शन में व्यवस्थाएं ठीक नहीं थीं, जहां लाइव प्रदर्शन के लिए सभागार की बैठने की क्षमता से दोगुनी भीड़ मौजूद थी। यह भी आरोप लगाया गया था कि भीड़भाड़ के कारण, एयर कंडीशनिंग मशीनें ठीक से काम नहीं कर रही थीं, जिसके कारण सभागार के भीतर दम घुट गया।
कई वीडियो क्लिप यह दावा करने के लिए दिखाए गए थे कि केके प्रदर्शन के दौरान असहज महसूस कर रहे थे और यह भी आरोप लगाया गया था कि शो के बीच में, उन्होंने आराम के लिए बैकस्टेज जाने के लिए 10 मिनट का ब्रेक लिया।
एक जनहित याचिका में सीबीआई जांच की मांग को चुनौती देते हुए राज्य के महाधिवक्ता एसएन. मुखोपाध्याय ने तर्क दिया कि चूंकि इस मामले में मृतक गायक के परिवार के सदस्यों की ओर से एक भी शिकायत नहीं आई है, इसलिए सीबीआई जांच की मांग वैध नहीं है।
इसके बाद खंडपीठ ने राज्य सरकार को हलफनामे के रूप में अपनी दलीलें दाखिल करने का निर्देश दिया।
--आईएएनएस
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