कांग्रेस ने सहकारी बैंक धोखाधड़ी की सीबीआई जांच की मांग की

तिरुवनंतपुरम, 30 जुलाई (आईएएनएस)। विपक्ष के नेता वी.डी.सतीसन ने शनिवार को मुख्यमंत्री पिनराई विजयन को पत्र लिखकर केरल के त्रिशूर में करुवन्नूर सहकारी बैंक धोखाधड़ी की सीबीआई जांच की मांग की है।
कांग्रेस ने सहकारी बैंक धोखाधड़ी की सीबीआई जांच की मांग की
कांग्रेस ने सहकारी बैंक धोखाधड़ी की सीबीआई जांच की मांग की तिरुवनंतपुरम, 30 जुलाई (आईएएनएस)। विपक्ष के नेता वी.डी.सतीसन ने शनिवार को मुख्यमंत्री पिनराई विजयन को पत्र लिखकर केरल के त्रिशूर में करुवन्नूर सहकारी बैंक धोखाधड़ी की सीबीआई जांच की मांग की है।

इस सहकारी बैंक का नियंत्रण माकपा द्वारा किया जाता है और अब रिपोर्ट में आरोप लगाया गया है कि जिन लोगों के पार्टी में अच्छे संबंध थे, वे अपनी जमा राशि वापस पाने में सक्षम रहे, जबकि अधिकांश असहाय जमाकर्ता अपना पैसा वापस पाने के लिए दर-दर भटक रहे हैं।

सतीसन ने कहा, धोखाधड़ी का पता चले एक साल हो गया है, जब बैंक जमाकर्ताओं को भुगतान करने में असमर्थ था और कुल नुकसान लगभग 300 करोड़ रुपये था। अब हम दिल दहला देने वाली कहानियां सुन रहे हैं कि कैसे लोगों को अपनी चिकित्सा और शैक्षिक जरूरतों के लिए पैसे नहीं मिल पा रहे हैं।

यह पता चला है कि यह सिर्फ बैंक के कर्मचारी ही इसमें शामिल नहीं थे, बल्कि यह एक बड़ी साजिश का परिणाम है और इसलिए सीबीआई जांच की जरूरत है। चल रही पुलिस जांच किसी नतीजे पर नहीं पहुंच पा रही है।

इस हफ्ते की शुरूआत में, फिलोमिना का निधन हो गया, क्योंकि उसका परिवार, जिसका पैसा घोटाले के दागी सहकारी बैंक में बंद था, जिस कारण उसके चिकित्सा खर्च को वहन नहीं कर सका।

मामले को बदतर बनाने के लिए, स्थानीय विधायक (जो राज्य के उच्च शिक्षा मंत्री आर. बिंदू भी हैं) ने सार्वजनिक रूप से कहा कि इस मामले को राजनीतिक मोड़ दिया जा रहा है और यह पैसा फिलोमिना के परिवार को दिया गया है।

फिलोमिना के बेटे ने मंत्री की जवाब देते हुए कहा कि उन्हें पैसे नहीं मिले। उन्होंने कहा कि मंत्री मुद्दों पर पूरी तरह से अपडेट नहीं हैं और उन्होंने जो कहा वह सच नहीं है।

सतीसन ने विजयन को लिखे अपने पत्र में मांग की है कि सरकार जमा गारंटी योजना को मजबूत करने के लिए एक अध्यादेश पारित करे, जो वर्तमान में दंतहीन है और यह सुनिश्चित करने के लिए विपक्ष के पूर्ण समर्थन का वादा किया है कि सहकारी आंदोलन, जो कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था की रीढ़ है।

ऐसी भी खबरें हैं कि राज्य में 100 से अधिक सहकारी बैंकों में हालात ठीक नहीं हैं और ऐसे बैंकों की सबसे ज्यादा संख्या राज्य की राजधानी जिले में है।

--आईएएनएस

एचके/एएनएम

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