केरल में नई शिक्षा नीति के कार्यान्वयन पर राज्य की शिक्षा मंत्री से मिले धर्मेंद्र प्रधान

दिल्ली, 22 नवंबर (आईएएनएस)। केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय व केरल की सरकार मिलकर नई शिक्षा नीति के प्रावधानों पर काम करेंगे। शिक्षा मंत्रालय के मुताबिक केरल के छात्रों को नई शिक्षा नीति का अधिक से अधिक लाभ मिल सके, इस दिशा में राज्य सरकार के साथ मिलकर प्रयास किया जा रहा है।
केरल में नई शिक्षा नीति के कार्यान्वयन पर  राज्य की शिक्षा मंत्री से मिले धर्मेंद्र प्रधान
केरल में नई शिक्षा नीति के कार्यान्वयन पर  राज्य की शिक्षा मंत्री से मिले धर्मेंद्र प्रधान दिल्ली, 22 नवंबर (आईएएनएस)। केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय व केरल की सरकार मिलकर नई शिक्षा नीति के प्रावधानों पर काम करेंगे। शिक्षा मंत्रालय के मुताबिक केरल के छात्रों को नई शिक्षा नीति का अधिक से अधिक लाभ मिल सके, इस दिशा में राज्य सरकार के साथ मिलकर प्रयास किया जा रहा है।

सोमवार केरल की शिक्षा मंत्री डॉ आर बिंदु ने दिल्ली में केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान से एक अहम मुलाकात की। इस मुलाकात के उपरांत केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि केरल की उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. आर बिंदू से मिलकर खुशी हुई। केरल में शैक्षिक और कौशल विकास परि²श्य को बेहतर बनाने के तरीकों पर हमारे बीच अच्छा आदान-प्रदान हुआ। हमने नई शिक्षा नीति के कई पहलुओं पर भी चर्चा की, जिसमें केरल में इसका कार्यान्वयन भी शामिल है।

केंद्रीय शिक्षा मंत्री ने कहा कि शिक्षा नीति 2020 हमारे युवाओं की आकांक्षाओं को पूरा करने और उन्हें 21वीं सदी के लिए तैयार करने में हम सभी के लिए एक मार्गदर्शक दर्शन है। मैंने डॉ. आर बिंदू को सीखने के परिणामों में सुधार लाने और केरल को एक ज्ञान-आधारित अर्थव्यवस्था में बदलने में हर संभव सहायता का आश्वासन दिया।

शिक्षा मंत्रालय का मानना है कि उभरते हुए नई विश्व व्यवस्था में भारत की सांस्कृतिक, सामाजिक और आर्थिक वैभव तब ही सुनिश्चित होगा, जब हम अपनी मूल भाषाओं-मातृभाषा को सर्वोपरि रखेंगे।

मंत्रालय द्वारा राष्ट्र निर्माण के लिए नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति में भाषागत बाधाओं को दूर करने व मातृभाषा में पढ़ने पर विशेष बल दिया जा रहा है।

वहीं पूर्वोत्तर राज्यों के छात्रों और शिक्षकों को अब हिंदी सिखाई जाएगी। मेघालय, त्रिपुरा और मिजोरम जैसे राज्यों केंद्रीय हिंदी संस्थान शुरू किया जा रहा है। यह संस्थान हिंदी के शिक्षकों और भाषा में सीखने और शोध करने के इच्छुक मेघालय, त्रिपुरा और मिजोरम राज्यों लोगों के लिए काम करेगा। यह नई शिक्षा नीति के तहत की गई एक नई शुरूआत है।

गौरतलब है कि एनईपी की सबसे महत्वपूर्ण विशेषताओं में से एक यह है कि एनईपी-2020 में प्राथमिक स्तर पर मातृभाषा में शिक्षा प्रदान करने पर जोर दिया गया है। अब सरकार निर्धारित समय सीमा के भीतर इस लक्ष्य को हासिल करने का प्रयास कर रही है।

उद्घाटन कार्यक्रम के दौरान मेघालय के मुख्यमंत्री कोनराड के संगमा भी मौजूद थे। केन्द्रीय मंत्री ने मेघालय के मावदियांगदियांग में इस संस्थान की स्थापना के लिए आवश्यक भूमि सहित आवश्यक सहायता प्रदान करने के लिए मेघालय सरकार के प्रति आभार व्यक्त किया।

--आईएएनएस

जीसीबी/एएनएम

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