कोरोना : यूपी के सरकारी-निजी कार्यालयों में 50 फीसद कर्मचारी करेंगे काम

लखनऊ, 10 जनवरी(आईएएनएस)। यूपी में बढ़ रहे कोरोना संक्रमण को देखते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सतर्कता बढ़ा दी है। उन्होंने सभी सरकारी और गैर सरकारी संस्थान कार्यालयों में 50 प्रतिशत लोगों की उपस्थिति का आदेश दिया है।
कोरोना : यूपी के सरकारी-निजी कार्यालयों में 50 फीसद कर्मचारी करेंगे काम
कोरोना : यूपी के सरकारी-निजी कार्यालयों में 50 फीसद कर्मचारी करेंगे काम लखनऊ, 10 जनवरी(आईएएनएस)। यूपी में बढ़ रहे कोरोना संक्रमण को देखते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सतर्कता बढ़ा दी है। उन्होंने सभी सरकारी और गैर सरकारी संस्थान कार्यालयों में 50 प्रतिशत लोगों की उपस्थिति का आदेश दिया है।

सोमवार को उच्चस्तरीय टीम-9 के साथ कोविड के हालात की समीक्षा करते हुए मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि सभी शासकीय व निजी कार्यालयों में एक समय में अधिकतम 50 फीसद कार्मिकों की भौतिक उपस्थिति की व्यवस्था लागू की जाए। कामकाज में असुविधा न हो, इसके लिए वर्क फ्रॉम होम को बढ़ावा देने की जरूरत बताते हुए उन्होंने कार्यालयों में रोटेशन प्रणाली लागू करने के भी निर्देश दिए। राज्य सरकार के नए कोविड गाइडलाइन के मुताबिक निजी क्षेत्र के कार्यालयों में सेवारत कोई कर्मचारी यदि कोविड पॉजिटिव होता है तो नियोक्ता द्वारा उसे भी न्यूनतम 7 दिनों का वेतन सहित अवकाश दिया जाएगा।

समीक्षा बैठक में अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य, अमित मोहन प्रसाद ने मुख्यमंत्री को बताया कि बीते 24 घंटों में हुई 02 लाख 01 हजार 465 सैम्पल की जांच में कुल 8334 नए संक्रमितों की पुष्टि हुई। इसी अवधि में 335 लोग उपचारित होकर कोरोना मुक्त भी हुए। उन्होंने बताया कि वर्तमान में कुल एक्टिव केस की कुल संख्या 33,946 है, इनमें 33,563 लोग होम आइसोलेशन में स्वास्थ्य लाभ ले रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार हर एक प्रदेशवासी के जीवन और जीविका की सुरक्षा के लिए संकल्पित है। इस दिशा में किए जा रहे प्रयासों के सकारात्मक परिणाम भी मिल रहे हैं। बीते कुछ दिनों से प्रदेश में कोरोना के नए मामलों में बढ़ोतरी देखने को मिल रही है। लोगों में पैनिक न हों, अत: उन्हें सही, सटीक और समुचित जानकारी दी जाए।

सीएम योगी ने कहा कि कोविड के इस चरण में बहुत कम संख्या में लोगों को अस्पताल की जरूरत पड़ रही है। विशेषज्ञों का मानना है कि यह वैरिएंट पूर्व के वैरिएंट्स की तुलना में बहुत कम नुकसानदेह है। वैक्सीन कवर ले चुके स्वस्थ-सामान्य व्यक्ति के लिए यह बड़ा खतरा नहीं है। कोरोना प्रोटोकॉल का हर हाल में अनुपालन जरूरी है। लोगों को बताया जाना चाहिए कि घबराने की नहीं, सावधानी और सतर्कता की जरूरत है। उन्होंने निर्देश दिए कि सभी कार्यालयों, औद्योगिक इकाइयों में कोविड हेल्प डेस्क की स्थापना अनिवार्य रूप से हो। बिना स्क्रीनिंग किसी को प्रवेश न दिया जाए।

कोविड से बचाव के इंतजाम, शीतलहर और ओलावृष्टि की स्थिति में जिलों की व्यवस्थाओं की पड़ताल के लिए नोडल अधिकारी अपने जिलों में तीन दिवसीय दौरे पर जाएंगे। मुख्यमंत्री ने कहा है कि प्रवास के दौरान यह नोडल अधिकारी जिलों में कोविड ट्रेसिंग, टेस्टिंग, टीकाकरण, अस्पतालों की व्यवस्था, गौशालाओं के प्रबंधन, रैन बसेरों के इंतजाम आदि का निरीक्षण कर व्यवस्थाओं को दुरुस्त कराएं।

मुख्यमंत्री ने यह भी निर्देश दिए कि जनपदों में इंटीग्रेटेड कोविड कमांड एंड कंट्रोल सेंटर (आईसीसीसी) को 24 घण्टे एक्टिव रखा जाए। पूर्व की भांति वहां नियमित बैठकें आयोजित की जाएं। आईसीसीसी में विशेषज्ञ चिकित्सकों का पैनल मौजूद रहे। लोगों को टेलीकन्सल्टेशन की सुविधा दी जाए।

आईसीसीसी हेल्पनंबर सार्वजनिक कर इसका व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाए। ताकि लोग किसी जरूरत पर तत्काल वहां संपर्क कर सकें। उन्होंने कहा कि निगरानी समिति और इंटीग्रेटेड कोविड कमांड सेंटर को पूरी तरह सक्रिय किया जाए। गांवों में प्रधान के नेतृत्व में और शहरी वाडरे में पार्षदों के नेतृत्व में निगरानी समितियां क्रियाशील रहें। घर-घर संपर्क कर बिना टीकाकरण वाले लोगों को चिन्हित किया जाए। उनकी सूची जिला प्रशासन को दी जाए। जरूरत के मुताबिक लोगों को मेडिसिन किट उपलब्ध कराई जाए। कोविड के उपचार में उपयोगी जीवनरक्षक दवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित कर ली जाए।

--आईएएनएस

विकेटी/एएनएम

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