कोलकाता में भाजपा कार्यकर्ता की मौत पर सीबीआई जांच चाहते हैं अमित शाह

कोलकाता, 6 मई (आईएएनएस)। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि वह भाजपा की युवा शाखा से जुड़े एक कार्यकर्ता की रहस्यमय मौत की केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) से जांच चाहते हैं, जिसका शव शुक्रवार को कोलकाता में कोसीपोर रोड पर एक रेलवे लाइन के पास सुनसान कमरे में लटका मिला था।
कोलकाता में भाजपा कार्यकर्ता की मौत पर सीबीआई जांच चाहते हैं अमित शाह
कोलकाता में भाजपा कार्यकर्ता की मौत पर सीबीआई जांच चाहते हैं अमित शाह कोलकाता, 6 मई (आईएएनएस)। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि वह भाजपा की युवा शाखा से जुड़े एक कार्यकर्ता की रहस्यमय मौत की केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) से जांच चाहते हैं, जिसका शव शुक्रवार को कोलकाता में कोसीपोर रोड पर एक रेलवे लाइन के पास सुनसान कमरे में लटका मिला था।

उन्होंने यह भी कहा कि उनका मंत्रालय शुक्रवार को ही इस दुर्भाग्यपूर्ण घटना पर राज्य सरकार से विस्तृत रिपोर्ट मांगेगा।

शाह कूचबिहार जिले के तिनबीघा से कोलकाता लौटे और कोलकाता हवाई अड्डे से सीधे 26 वर्षीय मृतक युवक आर्यन चौरसिया के आवास पर गए और उनके परिवार के सदस्यों से बातचीत की।

भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सुकांत मजूमदार और विधानसभा में विपक्ष के नेता सुवेंदु अधिकारी के साथ वह उस कमरे में भी गए जहां युवक का शव मिला था।

उन्होंने कहा, मैंने मृतक युवक के परिवार के सदस्यों से बात की। उन्होंने शिकायत की है कि उन्हें पीटा भी गया था। भाजपा मामले की स्वतंत्र जांच के लिए अदालत का दरवाजा खटखटाएगी। मुझे लगता है कि मामले में सीबीआई जांच होनी चाहिए।

उनके अनुसार, ममता बनर्जी के लगातार तीसरे कार्यकाल के लिए पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री के रूप में एक साल पूरा करने के ठीक एक दिन बाद यह दुर्भाग्यपूर्ण घटना हुई है।

उन्होंने कहा, हाल ही में कलकत्ता उच्च न्यायालय ने राज्य में कई घटनाओं पर कम समय के भीतर सीबीआई जांच का आदेश दिया है। यह साबित करता है कि न तो राज्य के लोगों को और न ही न्यायपालिका को राज्य प्रशासन और राज्य पुलिस में कोई विश्वास है। केंद्रीय गृह मंत्री ने यह आरोप लगाते हुए कहा कि पश्चिम बंगाल में हिंसा की घटनाओं ने इस मामले में पिछली वाम मोर्चा सरकार के सभी रिकॉर्ड को पीछे छोड़ दिया है।

यह दावा करते हुए कि वर्तमान में पश्चिम बंगाल में कानून का शासन नहीं है, शाह ने आरोप लगाया कि विपक्षी दलों के विपक्षी नेताओं और पार्टी कार्यकर्ताओं को लगातार सत्ताधारी दल और राज्य प्रशासन द्वारा निशाना बनाया जा रहा है।

--आईएएनएस

एसकेके/एएनएम

Share this story