गुजरात शराब त्रासदी: रोजिड ग्राम पंचायत ने मार्च में दी थी चेतावनी
अहमदाबाद और बोटाद जिलों में सोमवार को अवैध शराब पीने से कम से कम छह लोगों की मौत हो गई। दोनों जिलों में अवैध शराब के सेवन से कम से कम 14 से 20 लोग बीमार पड़ गए।
यह पत्र मार्च में रोजिड गांव के सरपंच जे.डी. डुंगरानी ने लिखा था। पुलिस को संबोधित करते हुए पत्र में कहा गया है, गांव में बड़े पैमाने पर देशी शराब बिकती है, असामाजिक तत्व महिलाओं को परेशान कर रहे हैं और गालियां भी दे रहे हैं । गांव में किसी बड़े हादसे की आशंका है।
डुंगरानी ने कहा कि ग्राम सभा ने भी गांव में शराब की बिक्री के खिलाफ प्रस्ताव पारित किया था, लेकिन इसका कोई असर नहीं पड़ा।
डूंगरानी ने सोमवार को स्थानीय मीडिया से कहा कि न केवल पुलिस, यहां तक कि प्रांत अधिकारी का भी ध्यान आकृष्ट किया गया, बल्कि प्रशासन की ओर से बूटलेगर्स के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई।
इस बीच कांग्रेस ने जहरीली शराब की घटना की जांच सिटिंग जज से कराने की मांग की है।
राज्य में शराबबंदी नीति के खराब कार्यान्वयन की आलोचना करते हुए, कांग्रेस के राज्यसभा सांसद शक्तिसिंह गोहिल ने कहा, सत्तारूढ़ दल राजनीतिक फंड के लिए ऐसे तत्वों की रक्षा कर रहा है। अब जब लोगों ने अपने प्रियजनों को खो दिया है, तो सरकार को एक की सिटिंग जज की अध्यक्षता में एक समिति नियुक्त करनी चाहिए।
--आईएएनएस
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