चिदंबरम ने पीएम मोदी पर तंज कसते हुए कहा, क्या प्रधानमंत्री संसद में होने वाली चर्चा में कभी भाग लेंगे?

नई दिल्ली, 18 नवंबर (आईएएनएस)। पूर्व केंद्रीय मंत्री पी. चिदंबरम ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से संसद में गुणवत्तापूर्ण चर्चा के लिए अलग से समय निर्धारित करने की जरूरत पर जोर दिए जाने को लेकर गुरुवार को उन पर कटाक्ष करते हुए सवाल पूछा कि क्या पीएम मोदी संसद के भीतर ऐसी चर्चा में कभी भाग लेंगे?
चिदंबरम ने पीएम मोदी पर तंज कसते हुए कहा, क्या प्रधानमंत्री संसद में होने वाली चर्चा में कभी भाग लेंगे?
चिदंबरम ने पीएम मोदी पर तंज कसते हुए कहा, क्या प्रधानमंत्री संसद में होने वाली चर्चा में कभी भाग लेंगे? नई दिल्ली, 18 नवंबर (आईएएनएस)। पूर्व केंद्रीय मंत्री पी. चिदंबरम ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से संसद में गुणवत्तापूर्ण चर्चा के लिए अलग से समय निर्धारित करने की जरूरत पर जोर दिए जाने को लेकर गुरुवार को उन पर कटाक्ष करते हुए सवाल पूछा कि क्या पीएम मोदी संसद के भीतर ऐसी चर्चा में कभी भाग लेंगे?

भाजपा ने भी कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री पर पलटवार किया है।

गुरुवार को एक ट्वीट में, चिदंबरम ने कहा, यह पढ़ना दिलचस्प है कि प्रधानमंत्री ने संसद में गुणवत्तापूर्ण चर्चा की जरूरत पर जोर दिया है। उन्होंने यह भी सुझाव दिया है कि गुणवत्तापूर्ण चर्चाओं के लिए अलग से समय तय किया जाए। सवाल यह है कि क्या प्रधानमंत्री संसद में होने वाली चर्चा में कभी भाग लेंगे?

कांग्रेस यह मुद्दा उठाती रही है कि प्रधानमंत्री मुश्किल से संसद आते हैं। हालांकि भाजपा ने पलटवार करते हुए पूछा है कि सदन में हंगामा कौन करता है?

भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता गोपाल कृष्ण अग्रवाल ने कहा, प्रधानमंत्री हमेशा सांसदों को चर्चा में हिस्सा लेने को कहते हैं, लेकिन विपक्ष हंगामा करता है। आप शीतकालीन सत्र में ही देख लीजिएगा, विपक्ष ऐसा इस सत्र में भी करेगा।

दरसअसल बुधवार को पीठासीन अधिकारियों के एक सम्मेलन को संबोधित करते हुए, प्रधानमंत्री ने प्रस्ताव दिया था कि क्या गुणवत्ता बहस के लिए अलग समय निर्धारित किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि ऐसी बहस जिसमें गरिमा और गंभीरता की परंपराओं का ईमानदारी से पालन किया जाता है।

पीएम मोदी ने अखिल भारतीय पीठासीन अधिकारियों के 82वें सम्मेलन के उद्घाटन सत्र को वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से संबोधित करते हुए सदनों में स्वस्थ व गुणवत्तापूर्ण चर्चा के लिए अलग से समय निर्धारित करने का विचार साझा किया और कहा, ऐसी चर्चाओं में मर्यादा व गंभीरता का पूरी तरह से पालन हो तथा कोई किसी पर राजनीतिक छींटाकशी न करे।

--आईएएनएस

एकेके/एएनएम

Share this story