छत्तीसगढ़ : किसानों की समस्याओं पर चर्चा के लिए भूपेश ने प्रधानमंत्री से समय मांगा

रायपुर, 26 नवंबर (आईएएनएस)। छत्तीसगढ़ के किसानों की समस्याओं और उसना मिल मजदूरों की समस्याओं से अवगत कराने के लिए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल अपने मंत्रियों के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात करना चाहते है। इसके लिए राज्य के मुख्य सचिव अमिताभ जैन ने प्रधानमंत्री कार्यालय को पत्र लिखकर तिथि और समय निर्धारित करने का अनुरेाध किया है।
छत्तीसगढ़ : किसानों की समस्याओं पर चर्चा के लिए भूपेश ने प्रधानमंत्री से समय मांगा
छत्तीसगढ़ : किसानों की समस्याओं पर चर्चा के लिए भूपेश ने प्रधानमंत्री से समय मांगा रायपुर, 26 नवंबर (आईएएनएस)। छत्तीसगढ़ के किसानों की समस्याओं और उसना मिल मजदूरों की समस्याओं से अवगत कराने के लिए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल अपने मंत्रियों के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात करना चाहते है। इसके लिए राज्य के मुख्य सचिव अमिताभ जैन ने प्रधानमंत्री कार्यालय को पत्र लिखकर तिथि और समय निर्धारित करने का अनुरेाध किया है।

मिली जानकारी के अनुसार, राज्य के मुख्य सचिव जैन ने प्रधानमंत्री कार्यालय को भेजे अपने पत्र में उल्लेख किया है कि छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री बघेल एवं मंत्रिपरिषद के सभी सदस्य प्रधानमंत्री मोदी से रूबरू भेंटकर धान उपार्जन से संबंधित विषयों पर चर्चा एवं अनुरोध करना चाहते हैं। इसके लिए उन्होंने प्रधानमंत्री कार्यालय के प्रमुख सचिव से छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री एवं मंत्रिपरिषद के सभी सदस्यों की प्रधानमंत्री से भेंट के लिए तिथि एवं समय का निर्धारण करने का अनुरोध किया है।

मुख्य सचिव जैन ने अपने पत्र में इस बात का उल्लेख किया है कि भारत सरकार की विकेन्द्रीकृत उपार्जन योजना के तहत छत्तीसगढ़ प्रदेश में खाद्य विभाग भारत सरकार के साथ हुए एमओयू अंतर्गत खरीफ सीजन में समर्थन मूल्य पर किसानों से धान की खरीदी की जाती है। वर्तमान खरीफ विपणन वर्ष 2021-22 में खाद्य विभाग भारत सरकार से प्राप्त निर्देश के अनुसार छत्तीसगढ़ प्रदेश में केन्द्रीय पूल अंतर्गत शतप्रतिशत अरवा चावल (61.65 लाख मीट्रिक टन) उपार्जन किए जाने का निर्देश प्राप्त हुआ है, जबकि विगत वर्षों में राज्य से उसना चावल भी लिया जाता रहा है।

उन्होंने लिखा है कि खाद्य मंत्रालय भारत सरकार के उक्त निर्देश से राज्य में स्थापित 416 उसना मिलों के संचालन एवं उनमें कार्यरत मजदूरों के जीवन यापन में कठिनाई होगी। इसके साथ ही राज्य के कृषकों द्वारा उत्पादित ऐसा धान जिससे केवल उसना चावल बन सकता है, के निराकरण में भी कठिनाई सम्भावित है।

मुख्य सचिव ने अपने पत्र में लिखा है कि धान उपार्जन के लिए जूट कमिश्नर से बारदानों की पर्याप्त आपूर्ति भी समय से नहीं हो पा रही है। उपरोक्त परिपेक्ष्य में मुख्यमंत्री व मंत्रिपरिषद के सदस्य प्रधानमंत्री से भेंट कर धान उपार्जन से संबंधित विषयों पर चर्चा एवं अनुरोध करना चाहते हैं।

--आईएएनएस

एसएनपी/आरएचए

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