जहाज पर छापेमारी : कांग्रेस का आरोप, एनसीबी ने एनडीपीएस नियमों का उल्लंघन किया (लीड-1)

मुंबई, 7 अक्टूबर (आईएएनएस)। महाराष्ट्र कांग्रेस ने गुरुवार को नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) के मुंबई जोन पर 2 अक्टूबर को एक लग्जरी जहाज पर छापेमारी करते हुए एनडीपीएस अधिनियम के नियमों का कथित रूप से उल्लंघन करने का आरोप लगाया और एजेंसी के अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।
जहाज पर छापेमारी : कांग्रेस का आरोप, एनसीबी ने एनडीपीएस नियमों का उल्लंघन किया (लीड-1)
जहाज पर छापेमारी : कांग्रेस का आरोप, एनसीबी ने एनडीपीएस नियमों का उल्लंघन किया (लीड-1) मुंबई, 7 अक्टूबर (आईएएनएस)। महाराष्ट्र कांग्रेस ने गुरुवार को नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) के मुंबई जोन पर 2 अक्टूबर को एक लग्जरी जहाज पर छापेमारी करते हुए एनडीपीएस अधिनियम के नियमों का कथित रूप से उल्लंघन करने का आरोप लगाया और एजेंसी के अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।

कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता सचिन सावंत ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि एनसीबी की अपनी हैंडबुक के अनुसार, अगर किसी आरोपी को गिरफ्तारी के बाद किसी अन्य अधिकारी को स्थानांतरित करना या सौंपना है, तो यह केवल एक वरिष्ठ अधिकारी की लिखित और हस्ताक्षरित सहमति से किया जा सकता है।

इसके अलावा, नियम कहते हैं कि वही अधिकारी जिसने किसी भी आरोपी को पकड़ा है, उसकी सुरक्षा के लिए जिम्मेदार है और उसे 24 घंटे के भीतर अदालत में पेश करना होगा।

सावंत ने कहा, 2 अक्टूबर को एनसीबी की छापेमारी में नियमों का खुलेआम उल्लंघन किया गया लगता है। एक निजी व्यक्ति ने कैसे आरोपी को भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ता को सौंप दिया। क्रूज जहाज पर तथाकथित रेव पार्टी की पूरी छापेमारी और भंडाफोड़ संदिग्ध है।

उन्होंने एनसीबी अधिकारियों पर भाजपा कार्यकर्ता मनीष भानुशाली और किरण पी. गोसावी को स्वतंत्र गवाह बताकर सच्चाई को दबाने का आरोप लगाया, जबकि उसी व्यक्ति (भानुशाली) ने स्वीकार किया है कि वह एजेंसी का महज एक मुखबिर था।

सावंत ने मांग की कि एनसीबी मुंबई के अधिकारियों को गिरफ्तारी का विवरण और दस्तावेज दिखाना चाहिए, जिसमें दो हाई-प्रोफाइल आरोपियों को दो निजी व्यक्तियों द्वारा संभाला गया था, जो भाजपा कार्यकर्ता हैं। उन्होंने उस दिन उनके (आरोपियों) के साथ सेल्फी भी क्लिक की थी। आरोपी की सुरक्षा से समझौता कैसे किया गया।

सावंत ने कहा, ये बेहद गंभीर मुद्दे हैं। एनसीबी के महानिदेशक और महा विकास अघाड़ी सरकार को इस मामले में तत्काल जांच का आदेश देना चाहिए। एनडीपीएस अधिनियम के अनुसार, नियम पुस्तिका का उल्लंघन करने का दोषी पाए जाने वाले किसी भी अधिकारी को 10 साल की जेल और कम से कम 100,000 रुपये जुर्माना का सामना करना पड़ता है।

कांग्रेस नेता ने एनसीबी से सवाल राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के राष्ट्रीय प्रवक्ता और मंत्री नवाब मलिक द्वारा जहाज पर छापेमारी में दो भाजपा कार्यकर्ताओं और निजी व्यक्तियों की संलिप्तता को उजागर किए जाने के अगले दिन किया है।

राज्यमंत्री का दर्जा प्राप्त शिवसेना नेता किशोर तिवारी ने इस घटनाक्रम को बेहद गंभीर करार दिया और मांग की कि एमवीए सरकार को एनसीबी के क्षेत्रीय निदेशक समीर वानखेड़े की गिरफ्तारी का आदेश देना चाहिए और छापे की पूरी जांच करवानी चाहिए।

मलिक ने गुरुवार को चेतावनी दी कि एनसीबी के बारे में सबूत के साथ और खुलासे जल्द ही सामने आएंगे। उन्होंने दोहराया कि केंद्रीय एजेंसी केवल बॉलीवुड के हाई-प्रोफाइल व्यक्तियों के लिए प्रचार पाने और बॉलीवुड और एमवीए सरकार की छवि को खराब करने के लिए भाजपा के साथ मिलीभगत कर रही है।

सावंत ने कहा कि एनसीबी जहां मुंबई में नशीले पदार्थो से जुड़े कम मामलों के पीछे पीछे भाग रहा है और मशहूर हस्तियों को गिरफ्तार कर रहा है, वहीं सितंबर में गुजरात के मुंद्रा बंदरगाह पर नशीले पदार्थो का भारी स्टॉक मिलने पर यह एजेंसी कोई कार्रवाई क्यों नहीं कर रही है।

सावंत ने कहा, इससे यह संदेह पैदा होता है कि एनसीबी अपना काम कर रहा है या अन्य केंद्रीय एजेंसियों की तरह, केवल भाजपा के लिए, एमवीए सरकार को परेशान करने के लिए काम कर रहा है। यदि एनसीबी के डीजी मुंबई के क्षेत्रीय अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं करते हैं, तो यह स्पष्ट हो जाएगा कि एनसीबी एक राजनीतिक एजेंडा पर काम कर रहा है।

मलिक, तिवारी और सावंत की तिकड़ी ने कहा कि एमवीए सरकार द्वारा उचित जांच कराए जाने से जहाज पर छापेमारी की सच्चाई का पता चलेगा और तब कई और लोगों का पदार्फाश होगा।

--आईएएनएस

एसजीके/एएनएम

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