जी-23 के नेता आनंद शर्मा ने मुम्बई अटैक पर तिवारी से किया किनारा

नई दिल्ली, 26 नवंबर (आईएएनएस)। संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (यूपीए) सरकार में मंत्री रहे और जी-23 के नेता आनंद शर्मा ने मुम्बई अटैक पर मनीष तिवारी की किताब से किया किनारा, कहा तत्कालीन सरकार ने जो निर्णय लिए और कदम उठाए थे, वो ठीक थे।
जी-23 के नेता आनंद शर्मा ने मुम्बई अटैक पर तिवारी से किया किनारा
जी-23 के नेता आनंद शर्मा ने मुम्बई अटैक पर तिवारी से किया किनारा नई दिल्ली, 26 नवंबर (आईएएनएस)। संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (यूपीए) सरकार में मंत्री रहे और जी-23 के नेता आनंद शर्मा ने मुम्बई अटैक पर मनीष तिवारी की किताब से किया किनारा, कहा तत्कालीन सरकार ने जो निर्णय लिए और कदम उठाए थे, वो ठीक थे।

गौरतलब है कि कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मनीष तिवारी ने अपनी पुस्तक में साल 2008 के मुंबई आतंकी हमले में सरकार द्वार उठाये गए कदम और जवाबी प्रतिक्रिया को लेकर तत्कालीन यूपी सरकार की आलोचना की है। तिवारी के अनुसार कई मौकों पर संयम कमजोरी की निशानी होती है और भारत को उस समय कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए थी।

उन्होंने पुस्तक में लिखा हैं, अगर किसी देश (पाकिस्तान) को निर्दोष लोगों के कत्लेआम का कोई खेद नहीं है तो संयम ताकत की पहचान नहीं है, बल्कि कमजोरी की निशानी है। ऐसे मौके आते हैं जब शब्दों से ज्यादा कार्रवाई दिखनी चाहिए। 26/11 एक ऐसा ही मौका था। उनकी इस किताब को लेकर कांग्रेस सत्तारूढ़ दल बीजेपी के निशाने पर है।

हालांकि कांग्रेस पार्टी ने मनीष तिवारी की इस किताब पर फिलहाल कोई टिप्पणी करने से इनकार किया है। पार्टी प्रवक्ता पवन खेड़ा ने कहा, पहले किताब आए, हम और आप पढ़ेंगे। फिर देखते हैं कि चर्चा करनी है या नहीं..

वहीं यूपीए सरकार में मंत्री रहे और राज्यसभा में कांग्रेस के उपनेता आनंद शर्मा ने शुक्रवार को कांग्रेस प्रेसवार्ता कर कहा, तत्कालीन यूपीए सरकार ने जो निर्णय लिए और कदम उठाए थे, वो ठीक थे। वो इस किताब के बारे में कुछ नहीं कहना चाहते हैं।

सांसद मनीष तिवारी ने अपनी पुस्तक 10 फ्लैस प्वाइंट्स: 20 ईयर्स में पिछले दो दशक के देश के सुरक्षा हालात का जिक्र किया है। यह पुस्तक दो दिसंबर से पाठकों के लिए उपलब्ध होगी। मनीष तिवारी कांग्रेस के उस जी 23 समूह में शामिल हैं, जिसमें आनंद शर्मा भी शामिल हैं। इस ग्रुप ने पिछले साल कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को पत्र लिखकर पार्टी में व्यापक संगठनात्मक बदलाव और जमीन पर एक सक्रिय अध्यक्ष की मांग की थी।

उल्लेखनीय है कि 26 नवंबर, 2008 को पाकिस्तान के आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के 10 आतंकवादी समुद्री मार्ग से मुंबई के विभिन्न इलाकों में घुस गए थे। और इन आतंकियों ने शहर के अलग-अलग स्थानों पर गोलीबारी शुरू कर दी थी। उस हमले में 18 सुरक्षाकर्मियों सहित 166 लोग मारे गए थे।

--आईएएनएस

पीटीके/एएनएम

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