झारखंड एटीएस का छह राज्यों में छापा, नक्सलियों-अपराधियों को हथियारों की सप्लाई करने वाले नौ गिरफ्तार
बताया गया कि इस पूरे गिरोह का एक बड़ा किंगपिन अरुण कुमार सिंह है, जो बीएसएफ से स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति लेकर यह काम कर रहा था। वह बिहार के सारण जिले के सोनपुर थाना क्षेत्र अंतर्गत शाहपुर गांव का रहने वाला है। उसकी निशानदेही पर पुलिस ने कुल 909 चक्र कारतूस की बरामदगी की है। एटीएस टीम ने उससे मिले सुराग के आधार पर पंजाब के फिरोजपुर स्थित बीएसएफ की 116 नंबर बटालियन के एक जवान कार्तिक उरांव को गिरफ्तार किया। वह झारखंड के सरायकेला-खरसावां का रहने वाला है। बीएसएफ के अधिकारियों के सहयोग से की गयी छापामारी में कैंप से कुल 8304 कारतूस, खाली खोखा, डेटोनेटर, मैगजीन तथा अन्य सामग्री जब्त की गयी।
एटीएस के एसपी प्रशांत आनंद ने बताया कि हमारी अलग-अलग टीमों ने बिहार, झारखंड, महाराष्ट्र, पंजाब, राजस्थान और मध्यप्रदेश में अलग-अलग ठिकानों पर छापेमारी की। हथियार सप्लायरों के इस चेन में सबसे पहले कश्मीर के पुलवामा स्थित सीआरपीएफ बटालियन का एक भगोड़ा अविनाश कुमार शर्मा को पिछले 13 नवंबर को पकड़ा गया था। वह बिहार के गया जिला अंतर्गत इमामगंज थाने के रानीगंज का रहने वाला है। उसकी निशानदेही पर गिरोह से जुड़े ऋषि कुमार को पटना एवं पंकज कुमार सिंह को झारखंड के धनबाद से गिरफ्तार किया गया था। इन्हीं तीनों से मिली सूचनाओं के आधार पर अलग-अलग टीमें गठित कर देश के छह राज्यों में छापेमारियां की गयीं। महाराष्ट्र और मध्यप्रदेश की सीमा पर स्थित बुलढाना में की गयी छापामारी में 14 पिस्टल, 21 मैगजीन बरामद किये गये और यहां तीन लोग गिरफ्तार किये गये।
बताया गया कि हथियार सप्लायरों का यह चेन पूरे देश भर में उग्रवादियों और संगठित गिरोहों को हथियार मुहैया कराता है। ये लोग ऑर्डिनेंस फैक्टरी से हथियार मंगाते थे। इस गिरोह का संपर्क देश के अलग-अलग राज्यों में चलायी जा रही हथियार फैक्टरियों से भी है। इनसे मिले लिंक्स के आधार पर देश की दूसरी सुरक्षा एजेंसियां कई ठिकानों पर छापामारी कर रही हैं। इस पूरे अभियान का नेतृत्व एएसपी कपिल चौधरी कर रहे थे।
--आईएएनएस
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