डीएमके, पीएमके ने कृषि कानूनों को रद्द करने के फैसले का स्वागत किया

चेन्नई, 19 नवंबर (आईएएनएस)। सत्तारूढ़ द्रमुक और विपक्षी पीएमके ने शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तीन कृषि कानूनों को रद्द करने की घोषणा का स्वागत किया है।
डीएमके, पीएमके ने कृषि कानूनों को रद्द करने के फैसले का स्वागत किया
डीएमके, पीएमके ने कृषि कानूनों को रद्द करने के फैसले का स्वागत किया चेन्नई, 19 नवंबर (आईएएनएस)। सत्तारूढ़ द्रमुक और विपक्षी पीएमके ने शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तीन कृषि कानूनों को रद्द करने की घोषणा का स्वागत किया है।

मोदी की घोषणा का स्वागत करते हुए तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन ने कहा कि यह किसान के अहिंसक विरोध की जीत है।

स्टालिन ने कहा कि इतिहास सिखाता है कि लोकतंत्र में लोगों के विचारों का सम्मान किया जाना चाहिए।

उन्होंने कहा कि अधिकारों को वापस हासिल करने में अहिंसक विरोध की जीत साबित करती है कि भारत महात्मा गांधी का देश है।

स्टालिन ने यह भी कहा कि डीएमके को किसानों के साथ विरोध करने और राज्य विधानसभा में एक प्रस्ताव पारित करने पर गर्व हो सकता है जिसमें केंद्र सरकार से कृषि कानूनों को वापस लेने का आग्रह किया गया है।

पत्रकारों से बात करते हुए, तमिलनाडु के नगर प्रशासन मंत्री के.एन. नेहरू ने कहा कि यह द्रमुक अध्यक्ष एम.के. स्टालिन ने पहले तीन कृषि कानूनों को निरस्त करने की मांग की थी।

द्रमुक सांसद कनिमोझी ने कहा, केंद्र सरकार द्वारा किसानों की वापसी हमारे किसानों के लिए एक बड़ी जीत है और हमारे लोकतंत्र के लिए एक बड़ी जीत है।

उन्होंने कहा, यह हमारे विश्वास को बहाल करता है कि राजा की आवाज लोगों की आवाज के अनुरूप होनी चाहिए।

पीएमके के संस्थापक एस. रामदोस के अनुसार, किसानों के फायदे के लिए कृषि कानूनों को वापस लेने का निर्णय स्वागत योग्य है।

रामदोस ने कहा कि एक साल से ज्यादा के विरोध के दौरान 150 किसानों की जान जाने के बावजूद, कानूनों को वापस लेना उनकी जीत है।

--आईएएनएस

एसएस/आरजेएस

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