तिवारी ने की अमेरिका से एयरबेस के इस्तेमाल के लिए भारत सरकार से स्पष्टीकरण देने की मांग

नई दिल्ली, 15 सितम्बर (आईएएनएस)। कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने बुधवार को सरकार से इस मसले पर स्पष्टीकरण की मांग की है कि संयुक्त राज्य अमेरिका ने उत्तर पश्चिम सीमाओं में स्थित एयरबेस के उपयोग की अनुमति देने के लिए भारत से संपर्क किया है।
तिवारी ने की अमेरिका से एयरबेस के इस्तेमाल के लिए भारत सरकार से स्पष्टीकरण देने की मांग
तिवारी ने की अमेरिका से एयरबेस के इस्तेमाल के लिए भारत सरकार से स्पष्टीकरण देने की मांग नई दिल्ली, 15 सितम्बर (आईएएनएस)। कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने बुधवार को सरकार से इस मसले पर स्पष्टीकरण की मांग की है कि संयुक्त राज्य अमेरिका ने उत्तर पश्चिम सीमाओं में स्थित एयरबेस के उपयोग की अनुमति देने के लिए भारत से संपर्क किया है।

एक बयान में तिवारी ने कहा, क्या यह सही है कि अमेरिकी सचिव ब्लिंकन ने भारत से उत्तर पश्चिम में अपने अड्डों को अफगानिस्तान के खिलाफ हवाई हमलों के लिए इस्तेमाल करने की अनुमति देने के लिए संपर्क किया है?

उन्होंने कहा कि पीएमओ को जल्द ही स्पष्ट करने की जरूरत है क्योंकि अमेरिका ने हमें सैन्य परिचालनों के लिए अपनी मिट्टी का उपयोग करने की इजाजत दी है, उन्होंने कहा कि यह फैसला हमारे लिए हानिकारक रहा है।

उन्होंने कहा, पिछले 70 वर्षों में, किसी भी विदेशी ताकतों को कभी भी भारत में खुद को आधार देने की अनुमति नहीं दी गई है। यह भारत की संप्रभुता का सबसे बड़ा उल्लंघन होगा।

तिवारी ने समाचार रिपोटरें पर टिप्पणी करते हुए कहा कि अफगानिस्तान के मुद्दे पर विदेशी संबंधों पर सीनेट समिति के एक बयान में अमेरिकी विदेश सचिव एंटनी ब्लिंकन ने कहा था कि संयुक्त राज्य अमेरिका अफगानिस्तान में हवाई हमलों के लिए एक पद के रूप में उपयोग करने पर भारत के संपर्क में है।

ब्लिंकन का यह बयान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से पहले 24 सितंबर, 2021 को वाशिंगटन डीसी में क्वोडरीलेट्रल फ्रेमवर्क के नेताओं के शिखर सम्मेलन में भाग लेने से पहले आया था, जिसे अमेरिका द्वारा आयोजित किया गया था।

ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन, जापानी प्रधानमंत्री योशीहाइड सुगा और अमेरिकी राष्ट्रपति जो बिडेन भी इस साल 12 मार्च को अपने पहले आभासी शिखर सम्मेलन के बाद की प्रगति की समीक्षा करने के लिए शिखर सम्मेलन में भाग लिया था और साझा ब्याज के क्षेत्रीय मुद्दों पर भी चर्चा हुई थी।

चर्चा में महत्वपूर्ण मुद्दों जैसे उभरती प्रौद्योगिकियों, कनेक्टिविटी और बुनियादी ढांचे, साइबर सुरक्षा, समुद्री सुरक्षा, मानवतावादी सहायता, जलवायु परिवर्तन, और समावेशी इंडो प्रशांत क्षेत्र, कोविड -19 महामारी का मुकाबला करने और जलवायु परिवर्तन के मुद्दों को संबोधित करने के आसपास ध्यान केंद्रित किया।

--आईएएनएस

एसकेके/आरजेएस

Share this story