दिल्ली के अस्पताल में विशालकाय स्तनों के लिए किया गया ब्रेस्ट रिडक्शन

नई दिल्ली, 27 अप्रैल (आईएएनएस)। संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) की एक 60 वर्षीय महिला के अति विशालकाय स्तन होने के कारण महिला की दिल्ली के एक अस्पताल में सर्जरी की गई जो साढ़े पांच घंटे तक चली। पिछले 30 सालों से महिला बेहद परेशानी भरी जिंदगी जी रही थी।
दिल्ली के अस्पताल में विशालकाय स्तनों के लिए किया गया ब्रेस्ट रिडक्शन
दिल्ली के अस्पताल में विशालकाय स्तनों के लिए किया गया ब्रेस्ट रिडक्शन नई दिल्ली, 27 अप्रैल (आईएएनएस)। संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) की एक 60 वर्षीय महिला के अति विशालकाय स्तन होने के कारण महिला की दिल्ली के एक अस्पताल में सर्जरी की गई जो साढ़े पांच घंटे तक चली। पिछले 30 सालों से महिला बेहद परेशानी भरी जिंदगी जी रही थी।

महिला ने दिल्ली के एक अस्पताल के डिपार्टमेंट ऑफ प्लास्टिक एंड कॉस्मेटिक सर्जरी के डॉ. राजीव बी. आहूजा, सीनियर कंसलटेंट से दो महीने पहले संपर्क किया था। डाक्टर के मुताबिक, महिला को चलने में परेशानी और गर्दन में दर्द आदि जैसी समस्याओं से जूझना पड़ रहा था।

सर गंगा राम अस्पताल के डॉ. राजीव बी. आहूजा ने बताया कि, गिगेंटोमैस्टिया एक बहुत ही दुर्लभ बीमारी है जहां स्तन बहुत अधिक बढ़ जाते हैं। मरीज के स्तन अधिक बड़े होने के कारण हमारे लिए चुनौती सिर्फ स्तनों के आकार को कम करने और उसकी छाती का भार उठाने की नहीं थी, बल्कि उसे एक सौंदर्यपूर्ण रूप से देने के साथ सर्जरी को सफलतापूर्वक पूरा भी करना था।

इस तरह की बीमारी ज्यादातर हार्मोन के प्रति अत्यधिक संवेदनशीलता के कारण होता है और कई बार गर्भावस्था के बाद स्तन वापस सामान्य आकार में नहीं आते हैं।

डाक्टरों के मुताबिक, इस तरह के अधिकांश मामलों में सर्जरी बिना निप्पल, एरोला ग्राफ्टिंग के साथ स्तन का कुछ हिस्सा अलग करके होता है जो छाती पर भार को कम करने पर भी सौंदर्य की ²ष्टि से सुखद नहीं है। इसके बाद डॉक्टरों की एक टीम ने एक मानक तकनीक द्वारा स्तन में कमी करने का फैसला किया, लेकिन यह तकनीक गिगेंटोमैस्टिया के लिए नहीं की जाती है। क्योंकि इतने बड़े स्तनों पर लागू होने पर निप्पल, एरिओला कॉम्प्लेक्स के कालापन का कारण बन सकती है।

सर्जरी के दौरान डॉक्टरों ने बाईं ओर 1.3 किलोग्राम स्तन टिश्यू और प्रत्येक तरफ दाईं ओर 1.4 किलोग्राम टिश्यू को हटा दिया। महिला की सर्जरी सफल होने के बाद उन्हें अस्पताल से तीन दिन बाद छुट्टी दे दी गई और सर्जरी के 12-14 दिन बाद टांके भी हटा दिए गए।

--आईएएनएस

एमएसके/एसकेपी

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