नंदन नीलेकणी और शिक्षा मंत्रालय करेंगे डिजिटल डिवाइड पाटने का प्रयास

नई दिल्ली, 14 अक्टूबर (आईएएनएस)। देश में स्कूली छात्रों के बीच एक बड़ा डिजिटल डिवाइड है। 7 बड़े राज्यों में 40 फीसदी स्कूली छात्र डिजिटल डिवाइड का सामना कर रहे हैं। इस कमी को पूरा करने के लिए शिक्षा मंत्रालय कई नए और महत्वपूर्ण कदम उठा रहा है। इसी क्रम मंत्रालय के उच्च अधिकारियों के साथ नंदन नीलेकणी और उनकी टीम ने मुलाकात की है। नंदन नीलेकणी ने शिक्षा में डिजिटल डिवाइड को पाटने और भारतीय स्कूलों में 21वीं सदी के कौशल को पेश करने के लिए बात कही है।
नंदन नीलेकणी और शिक्षा मंत्रालय करेंगे डिजिटल डिवाइड पाटने का प्रयास
नंदन नीलेकणी और शिक्षा मंत्रालय करेंगे डिजिटल डिवाइड पाटने का प्रयास नई दिल्ली, 14 अक्टूबर (आईएएनएस)। देश में स्कूली छात्रों के बीच एक बड़ा डिजिटल डिवाइड है। 7 बड़े राज्यों में 40 फीसदी स्कूली छात्र डिजिटल डिवाइड का सामना कर रहे हैं। इस कमी को पूरा करने के लिए शिक्षा मंत्रालय कई नए और महत्वपूर्ण कदम उठा रहा है। इसी क्रम मंत्रालय के उच्च अधिकारियों के साथ नंदन नीलेकणी और उनकी टीम ने मुलाकात की है। नंदन नीलेकणी ने शिक्षा में डिजिटल डिवाइड को पाटने और भारतीय स्कूलों में 21वीं सदी के कौशल को पेश करने के लिए बात कही है।

केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने बताया कि में स्कूल शिक्षा विभाग की सचिव अनीता करवाल, अतिरिक्त सचिव संतोष सारंगी और निदेशक समेत वरिष्ठ अधिकारियों ने स्कूलों में डिजिटल शिक्षा, डिजिटल डिवाइड को पाटने और स्कूलों में 21 वीं सदी के कौशल को पेश करने के बारे में नंदन नीलेकणी और एक स्टेप्स फाउंडेशन की टीम के साथ बातचीत की।

नंदन नीलेकणि इन्फोसिस के संस्थापक सदस्यों में से एक हैं। वह भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई) के अध्यक्ष भी थे। इंफोसिस में एक सफल कैरियर के बाद, उन्होंने भारत सरकार की प्रौद्योगिकी समिति का नेतृत्व भी किया है।

शिक्षा मंत्रालय द्वारा बनाई गई एक रिपोर्ट के मुताबिक देश के 7 बड़े राज्यों में 40 फीसदी स्कूली छात्रों के पास ऑनलाइन शिक्षा हासिल करने हेतु डिजिटल डिवाइस की उपलब्धता नहीं है।

शिक्षा मंत्रालय की इस रिपोर्ट से पता चलता है कि देश के कई राज्यों ने ऑनलाइन शिक्षा प्रदान करने के साथ ही डिजिटल डिवाइड को पाटने में भी सफलता हासिल की है। जबकि कई राज्य ऐसे हैं जहां ऑनलाइन शिक्षा में छात्रों के बीच डिजिटल डिवाइड अभी भी मौजूद है।

डिजिटल डिवाइड का खुलासा करने वाली यह रिपोर्ट अधिकांश राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों द्वारा उपलब्ध कराए गए ब्यावर के आधार पर तैयार की गई है।

केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय द्वारा तैयार इस रिपोर्ट के अनुसार, सात बड़े राज्यों असम, आंध्र प्रदेश, बिहार, गुजरात, झारखंड, मध्य प्रदेश और उत्तराखंड में 40 प्रतिशत से 70 प्रतिशत स्कूली छात्रों की डिजिटल उपकरणों तक पहुंच नहीं है। गौरतलब है कि देश में कोरोना महामारी और उसके बाद लगाए गए लॉकडाउन के उपरांत ऑनलाइन शिक्षा को काफी महत्व दिया गया है। ऑनलाइन शिक्षा हासिल करने के लिए छात्रों को डिजिटल उपकरणों पर निर्भर होना पड़ा है।

केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय के मुताबिक मध्य प्रदेश में 70 प्रतिशत बिहार में 58, आंध्र प्रदेश 57 असम 44, झारखंड 43 उत्तराखंड 41 और गुजरात 40 प्रतिशत छात्रों की पहुंच डिजिटल उपकरणों तक नहीं है।

वहीं दिल्ली, केरल, तमिलनाडु की स्थिति इस मामले में काफी बेहतर है। दिल्ली में केवल 4 प्रतिशत छात्रों के पास स्मार्टफोन नहीं है। केरल और तमिलनाडु की भी बेहतर स्थिति है। केरल में 1.63 और तमिलनाडु 14.51 फीसदी के पास डिजिटल डिवाइस नहीं है।

केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय शिक्षा के क्षेत्र में डिजिटल डिवाइड को पाटने के लिए विशेष प्रयास कर रहा है। इसको लेकर स्वयं शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने हाल ही के दिनों में कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। इस बीच डिजिटल डिवाइड को कम करने के मुद्दे पर शिक्षा मंत्रालय में नंदन नीलेकणी के साथ हुई इस मुलाकात को काफी अहम माना जा रहा है।

--आईएएनएस

जीसीबी/एएनएम

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