पीएमके ने राज्य सरकार से तीन महीने के लिए नीट में छूट की मांग की

चेन्नई, 6 मई (आईएएनएस)। पट्टाली मक्कल काची (पीएमके) के नेता डॉ. एस रामदॉस ने मांग की है कि राज्य सरकार राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (नीट) से छूट के लिए तीन महीने में प्रसिडेंयिसल कंसेंट की सहमति की मांग करे। साथ ही उन्होंने कहा कि कुछ हफ्तों के लिए परीक्षा स्थगित करने में कोई बुराई नहीं है और छात्रों के अनुरोध को ध्यान में रखते हुए अगले कुछ दिनों में निर्णय लिया जाना चाहिए।
पीएमके ने राज्य सरकार से तीन महीने के लिए नीट में छूट की मांग की
पीएमके ने राज्य सरकार से तीन महीने के लिए नीट में छूट की मांग की चेन्नई, 6 मई (आईएएनएस)। पट्टाली मक्कल काची (पीएमके) के नेता डॉ. एस रामदॉस ने मांग की है कि राज्य सरकार राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (नीट) से छूट के लिए तीन महीने में प्रसिडेंयिसल कंसेंट की सहमति की मांग करे। साथ ही उन्होंने कहा कि कुछ हफ्तों के लिए परीक्षा स्थगित करने में कोई बुराई नहीं है और छात्रों के अनुरोध को ध्यान में रखते हुए अगले कुछ दिनों में निर्णय लिया जाना चाहिए।

पीएमके नेता ने शुक्रवार को एक बयान में कहा कि सरकार को इस संबंध में तत्काल कदम उठाने चाहिए क्योंकि राज्यपाल आर.एन. रवि हाल ही में राष्ट्रपति को छात्रों के लिए नीट से छूट की मांग वाला विधेयक पहले ही भेज चुके हैं।

विशेष रूप से, भाजपा को छोड़कर तमिलनाडु में राजनीतिक दल यह तर्क देते हुए छूट की मांग कर रहे हैं कि नीट को केवल वे छात्र ही पास कर सकते हैं जो निजी कोचिंग संस्थानों का खर्च उठा सकते हैं। पीएमके इस मांग में सबसे आगे रहा है कि नीट एक ग्रामीण और शहरी छात्रों के बीच में मतभेद पैदा कर रहा है, जिससे गरीब छात्रों के लिए चिकित्सा की शिक्षा लेने में कठिनाईयां पैदा हो रही हैं।

रामदॉस ने यह भी कहा कि अगर राज्य सरकार ने तत्काल कार्रवाई नहीं की तो पीएमके को राज्य भर में विरोध मार्च निकालने और इसके लिए आंदोलन शुरू करने के लिए मजबूर किया जाएगा।

इस बीच, पीएमके के युवा विंग के नेता ने कहा कि स्नातकोत्तर चिकित्सा पाठ्यक्रमों के लिए नीट परीक्षा को 21 मई की निर्धारित तिथि से कुछ हफ्तों के लिए स्थगित किया जाना चाहिए।

छात्रों ने नीट-पीजीए 2022 परीक्षाओं को स्थगित करने का अनुरोध किया है क्योंकि 2021 परीक्षा के लिए काउंसलिंग प्रक्रिया में अत्यधिक देरी हुई थी।

ब्यान में आगे कहा गया है कि, यदि परीक्षाएं निर्धारित समय पर आयोजित की जाती हैं, तो बहुत से छात्रों को सफल होने के समान अवसर नहीं मिलेंगे।

--आईएएनएस

एचएमए/एसकेपी

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