प्रस्तावित शराब की दुकान के खिलाफ याचिका पर आप सरकार को हाईकोर्ट का नोटिस

नई दिल्ली, 24 नवंबर (आईएएनएस)। दिल्ली हाईकोर्ट ने बुधवार को आम आदमी पार्टी (आप) के नेतृत्व वाली दिल्ली सरकार और पूर्वी दिल्ली नगर मजिस्ट्रेट (ईडीएमसी) को चंदर नगर इलाके में एक प्रस्तावित शराब की दुकान को तत्काल बंद करने की मांग वाली याचिका पर नोटिस जारी किया।
प्रस्तावित शराब की दुकान के खिलाफ याचिका पर आप सरकार को हाईकोर्ट का नोटिस
प्रस्तावित शराब की दुकान के खिलाफ याचिका पर आप सरकार को हाईकोर्ट का नोटिस नई दिल्ली, 24 नवंबर (आईएएनएस)। दिल्ली हाईकोर्ट ने बुधवार को आम आदमी पार्टी (आप) के नेतृत्व वाली दिल्ली सरकार और पूर्वी दिल्ली नगर मजिस्ट्रेट (ईडीएमसी) को चंदर नगर इलाके में एक प्रस्तावित शराब की दुकान को तत्काल बंद करने की मांग वाली याचिका पर नोटिस जारी किया।

याचिका में धार्मिक संस्थानों, अस्पतालों और स्कूलों के करीब होने का हवाला देते हुए प्रस्तावित शराब की दुकान (ठेका) को बंद करने की मांग की गई है।

मुख्य न्यायाधीश डी. एन. पटेल और न्यायमूर्ति ज्योति सिंह की पीठ अधिवक्ता कमल मेहता द्वारा प्रस्तुत याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें यह तर्क दिया गया है कि उत्तरदाताओं द्वारा शराब की दुकान खोलने की अनुमति देना दिल्ली आबकारी अधिनियम के तहत प्रदान किए गए नियमों, शर्तों और विनियमों का उल्लंघन है।

अदालत इस मामले में 27 जनवरी 2022 को आगे की सुनवाई करेगी। याचिका में कहा गया है कि चंदर नगर के इंद्रा पार्क एक्सटेंशन में जिस शराब की दुकान खोलने का प्रस्ताव है, वह स्कूल से करीब 30 मीटर, मंदिर से 60 मीटर और सरकारी औषधालय से 50 मीटर की दूरी पर है। इसमें कहा गया है कि अधिकारियों ने एक नई शराब की दुकान खोलने के संबंध में कानून की स्थापित स्थिति को सत्यापित किए बिना ही इसकी अनुमति दी है।

याचिका में कहा गया है कि दिल्ली सरकार के नियमों के मुताबिक, स्कूल, मंदिर, अस्पताल के 100 मीटर के दायरे में कोई दुकान नहीं चल सकती है। इसका उल्लंघन करने पर अधिकारियों के खिलाफ उचित कार्रवाई की परिकल्पना की गई है।

इसके अलावा याचिका में यह भी कहा गया है कि इस शराब की दुकान ने मोहल्ले के छोटे बच्चों को आकर्षित किया है और इस दुकान के ग्राहकों की संख्या तेजी से बढ़ेगी, जो सभी माता-पिता के लिए गंभीर चिंता का विषय है।

याचिका में दलील दी गई है कि इस दुकान के जारी रहने की किसी भी स्थिति में मोहल्ले के छोटे बच्चों के स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ सकता है और वह अनैतिक गतिविधियों में भी शामिल हो सकते हैं।

--आईएएनएस

एकेके/एएनएम

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