भारतीय स्कूली शिक्षा में आईसीटी के उपयोग को मिली यूनेस्को की मान्यता

नई दिल्ली, 20 जून (आईएएनएस)। केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय के स्कूली शिक्षा विभाग द्वारा विशेष रूप से कोविड-19 महामारी के दौरान पीएम ईविद्या नामक एक व्यापक पहल के अंतर्गत इनफॉरमेशन एंड कम्युनिकेशन टेक्नोलॉजी (आईसीटी) के उपयोग को यूनेस्को ने सराहा है और इसे मान्यता प्रदान की है। भारतीय शिक्षा को आईसीटी के उपयोग के लिए इसे यूनेस्को के किंग हमद बिन ईसा अल-खलीफा पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा।
भारतीय स्कूली शिक्षा में आईसीटी के उपयोग को मिली यूनेस्को की मान्यता
भारतीय स्कूली शिक्षा में आईसीटी के उपयोग को मिली यूनेस्को की मान्यता नई दिल्ली, 20 जून (आईएएनएस)। केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय के स्कूली शिक्षा विभाग द्वारा विशेष रूप से कोविड-19 महामारी के दौरान पीएम ईविद्या नामक एक व्यापक पहल के अंतर्गत इनफॉरमेशन एंड कम्युनिकेशन टेक्नोलॉजी (आईसीटी) के उपयोग को यूनेस्को ने सराहा है और इसे मान्यता प्रदान की है। भारतीय शिक्षा को आईसीटी के उपयोग के लिए इसे यूनेस्को के किंग हमद बिन ईसा अल-खलीफा पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा।

बहरीन साम्राज्य के समर्थन से वर्ष 2005 में स्थापित यह पुरस्कार उन व्यक्तियों और संगठनों को पुरस्कृत करता है जो उत्कृष्ट परियोजनाओं को लागू कर रहे हैं और डिजिटल युग में सीखने, शिक्षण और समग्र शैक्षिक प्रदर्शन को बढ़ाने के लिए प्रौद्योगिकियों के रचनात्मक उपयोग को बढ़ावा दे रहे हैं। एक अंतरराष्ट्रीय निर्णायक मण्डल प्रति वर्ष दो सर्वश्रेष्ठ परियोजनाओं का चयन करती है। प्रत्येक पुरस्कार विजेता को पेरिस में यूनेस्को मुख्यालय में एक समारोह के दौरान 25,000 अमेरिकी डॉलर, एक पदक और एक डिप्लोमा प्रदान किया जाता है। इस वर्ष 24 जून, 2022 को यह समारोह आयोजित किया जाएगा।

केंद्रीय शैक्षिक प्रौद्योगिकी संस्थान (सीआईईटी), स्कूल शिक्षा और साक्षरता विभाग (डीओएसईएल), शिक्षा मंत्रालय (एमओई), भारत सरकार के अंतर्गत राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी) की एक घटक इकाई को यूनेस्को के वर्ष 2021 के लिए शिक्षा में आईसीटी के उपयोग के लिए किंग हमद बिन ईसा अल-खलीफा पुरस्कार से सम्मानित किया गया है।

17 मई, 2020 को शिक्षा मंत्रालय द्वारा आत्मनिर्भर भारत अभियान के हिस्से के रूप में पीएम ई-विद्या की शुरूआत की गई थी, जो डिजिटल,ऑनलाइन,ऑन-एयर शिक्षा से संबंधित सभी प्रयासों को एकीकृत करता है। इसका उद्देश्य बच्चों को प्रौद्योगिकी का उपयोग करके शिक्षा प्रदान करना और सीखने के नुकसान को कम करने के लिए मल्टी-मोड एक्सेस को सक्षम करना है।

यह पुरस्कार सतत विकास के लिए वर्ष 2030 एजेंडा और शिक्षा पर इसके लक्ष्य 4 के अनुरूप, सभी के लिए शैक्षिक और आजीवन सीखने के अवसरों का विस्तार करने के लिए नई तकनीकों का लाभ उठाने में नवीन ²ष्टिकोणों को मान्यता प्रदान करता है।

सभी के लिए शैक्षिक अवसरों को बढ़ाने, शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाने और देश में शैक्षिक प्रणाली में समानता लाने के लिए सस्ती प्रौद्योगिकी का उपयोग करने के लिए और राष्ट्रीय शिक्षा नीति -2020 की सिफारिशों को ध्यान में रखते हुए, सीआईईटी, एनसीईआरटी के माध्यम से शिक्षा मंत्रालय बड़ी संख्या में ई-बुक्स, ई-कंटेंट - ऑडियो, वीडियो, इंटरेक्टिव, ऑगमेंटेड रियलिटी कंटेंट, इंडियन साइन लैंग्वेज (आईएसएल) वीडियो, ऑडियोबुक, टॉकिंग बुक्स आदि के डिजाइन, विकास का काम कर रहा है।

राष्ट्रीय शिक्षा नीति और समग्र शिक्षा के उद्देश्यों को आगे बढ़ाने और उपरोक्त स्तंभों को संबोधित करने के लिए, पीएम ईविद्या- एक व्यापक पहल जो सभी प्रयासों को एकीकृत करती है और डिजिटल,ऑनलाइन,ऑन-एयर शिक्षा के लिए मल्टी-मोड एक्सेस प्रदान करती है, मई 2020 में शुरू की गई थी।

ये प्रयास विशेष रूप से महामारी की स्थितियों में, जब स्कूल बंद थे, छात्रों तक पहुंच बनाने में मददगार थे। इन प्रयासों ने सीखने के अंतराल को रोकने में काफी हद तक मदद की। सीआईईटी, पीएम ईविद्या कार्यक्रम के अंतर्गत सामुदायिक रेडियो स्टेशनों सहित 12 पीएम ईविद्या डीटीएच टेलीविजन चैनलों और लगभग 397 रेडियो स्टेशनों का व्यापक और लचीला उपयोग शामिल है।

--आईएएनएस

जीसीबी/आरएचए

Share this story