मध्यप्रदेश में कांग्रेस के सामने एकजुटता की चुनौती

भोपाल , 20 जून (आईएएनएस)। मध्यप्रदेश में नगरीय निकाय चुनाव का प्रचार जोरों पर है, नेताओं के दौरे शुरू हो गए हैं तो वहीं बैठकें भी हो रही हैं। इन चुनावों में एक बार फिर कांग्रेस के सामने सबसे बड़ी चुनौती एकजुटता नजर आ रही है। अब तो आलम यह है कि नेता ही अपने वरिष्ठ नेताओं को अपषब्द बोल रहे हैं।
मध्यप्रदेश में कांग्रेस के सामने एकजुटता की चुनौती
मध्यप्रदेश में कांग्रेस के सामने एकजुटता की चुनौती भोपाल , 20 जून (आईएएनएस)। मध्यप्रदेश में नगरीय निकाय चुनाव का प्रचार जोरों पर है, नेताओं के दौरे शुरू हो गए हैं तो वहीं बैठकें भी हो रही हैं। इन चुनावों में एक बार फिर कांग्रेस के सामने सबसे बड़ी चुनौती एकजुटता नजर आ रही है। अब तो आलम यह है कि नेता ही अपने वरिष्ठ नेताओं को अपषब्द बोल रहे हैं।

कांग्रेस में गुटबाजी हमेशा से ही एक दूसरे के पर्याय रहे हैं। वर्तमान में गुटबाजी खुले तौर पर तो नहीं, मगर अंदर खाने बनी हुई है। नेता एक दूसरे पर आरोप तक लगा रहे हैं और कई ऑडियो भी वायरल हो रहे हैं।

पूर्व मंत्री सज्जन सिंह वर्मा का एक ऑडियो वायरल हुआ है जिसमें से कथित तौर पर पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के लिए अपशब्द बोल रहे हैं। यह पहली बार नहीं हुआ है जब सज्जन सिंह वर्मा का कोई ऑडियो वायरल हुआ है, इससे पहले भी एक वीडियो वायरल हुआ था जिसमें वर्मा पूर्व मुख्यमंत्री के खिलाफ अनर्गल बयानबाजी कर रहे थे।

वर्मा के इस बयान पर भाजपा के मीडिया विभाग के प्रभारी लोकेंद्र पारासर ने ट्वीट कर कहा, आज दिन भर से मैं सोच रहा हूं कि, गाली वीर के माता-पिता कितना पश्चाताप कर रहे होंगे कि हमने बेटे का नाम सज्जन क्यों रखा।

कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता का कहना है कि पार्टी में चुनाव के समय जो एकजुटता होनी चाहिए, वह नजर नहीं आ रही है। प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ के नेतृत्व में कोई नेता खुलकर नहीं बोल सकता है मगर कई नेताओं ने अपने को सीमित कर रखा है। वही सज्जन वर्मा जैसे वरिष्ठ नेताओं के ऑडियो और वीडियो कई सवाल खड़े कर रहे हैं। सवाल उठता है कि आखिर वर्मा के विवादित बयानों के आने के बाद भी उनके खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं होती। यही सिलसिला जारी रहा तो पार्टी में अनुशासनहीनता और बढ़ेगी।

राजनीतिक विश्लेषक मानते हैं कि राज्य में कांग्रेस को लगातार मजबूत करने के लिए कमल नाथ की कोशिशें जारी हैं, मगर पार्टी के ही लोगों का उन्हें साथ नहीं मिल पा रहा है। पार्टी में कोई नेता अनर्गल बयानबाजी करता है और उसके खिलाफ कार्रवाई नहीं होती, तो इससे कई नेताओं को बल मिलता है। आज जरुरत है कि पार्टी में अनुशासन का डंडा चले और निष्क्रियता दिखाने वाले नेताओं को नसीहत दी जाए। पार्टी ने अपना तरीका नहीं बदला तो आने वाले दिनों में नुकसान के लिए भी तैयार रहना होगा।

--आईएएनएस

एसएनपी/एएनएम

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