मप्र में साढ़े 5 हजार अमृत सरोवर बन सकते हैं, जल संकट से मुक्ति के आसार

भोपाल, 9 मई (आईएएनएस)। गर्मी की दस्तक के साथ मध्य प्रदेश के बड़े हिस्से में जल संकट गहराने लगता है, इसकी वजह जल संरचनाओं का मैदान में बदलना है। आजादी के अमृत महोत्सव के मौके पर राज्य में लगभग साढे पांच हजार अमृत सरोवर बनाए जाने वाले हैं। अगर यह मूर्त रूप ले लेते हैं और जल का संग्रहण हो जाता है तो आने वाले सालों में जल संकट से मुक्ति की संभावना बढ़ जाएगी।
मप्र में साढ़े 5 हजार अमृत सरोवर बन सकते हैं, जल संकट से मुक्ति के आसार
मप्र में साढ़े 5 हजार अमृत सरोवर बन सकते हैं, जल संकट से मुक्ति के आसार भोपाल, 9 मई (आईएएनएस)। गर्मी की दस्तक के साथ मध्य प्रदेश के बड़े हिस्से में जल संकट गहराने लगता है, इसकी वजह जल संरचनाओं का मैदान में बदलना है। आजादी के अमृत महोत्सव के मौके पर राज्य में लगभग साढे पांच हजार अमृत सरोवर बनाए जाने वाले हैं। अगर यह मूर्त रूप ले लेते हैं और जल का संग्रहण हो जाता है तो आने वाले सालों में जल संकट से मुक्ति की संभावना बढ़ जाएगी।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आजादी के अमृत महोत्सव के मौके पर हर जिले में 75 नए सरोवर बनाने का आह्वान किया था और इन सरोवर को नाम दिया अमृत सरोवर। प्रधानमंत्री के आह्वान को मध्यप्रदेश में मूर्त रूप दिए जाने की कोशिशें शुरू हो गई हैं और लगभग साढे पांच हजार अमृत सरोवर बनाए जाने का लक्ष्य तय किया गया है।

राज्य में कुल 52 जिले हैं और साढे पांच हजार अमृत सरोवर बनाए जाने हैं। इस तरह औसत तौर पर राज्य के हर जिले में 100 से ज्यादा अमृत सरोवरों का निर्माण प्रस्तावित है। इनमें से लगभग साढे तीन हजार सरोवर का जून तक निर्माण कराया जाना प्रस्तावित है।

पानी के संरक्षण के क्षेत्र में काम करने वाले लोगों का मानना है कि अगर वाकई में इन तालाबों का निर्माण हो गया और इनकी जल संग्रहण क्षमता लक्ष्य के मुताबिक रही, तो राज्य के बड़े हिस्से को जल संकट से मुक्ति मिल सकती है।

साथ ही पुराने अनुभवों के आधार पर यह भी कहा जा रहा है कि राज्य में बीते दो दशकों में जल संरक्षण के कई अभियान चले, नदियों को पुनर्जीवित करने की मुहिम तेज हुई मगर हालात नहीं सुधरे, क्योंकि सरकार से मिले बजट की बंदरबांट में लोगों ने ज्यादा रुचि दिखाई है।

--आईएएनएस

एसएनपी/एसकेपी

Share this story