यूपी बीजेपी ने विपक्षी विधायकों का पार्टी में किया स्वागत

लखनऊ, 26 नवंबर (आईएएनएस)। उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने 2017 में विपक्षी दलों से हारने वाली 78 सीटों पर सेंध लगाना शुरू कर दिया है। इस रणनीति के तहत पार्टी ने इन सीटों पर जीतने वाले विपक्षी विधायकों का स्वागत किया है।
यूपी बीजेपी ने विपक्षी विधायकों का पार्टी में किया स्वागत
यूपी बीजेपी ने विपक्षी विधायकों का पार्टी में किया स्वागत लखनऊ, 26 नवंबर (आईएएनएस)। उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने 2017 में विपक्षी दलों से हारने वाली 78 सीटों पर सेंध लगाना शुरू कर दिया है। इस रणनीति के तहत पार्टी ने इन सीटों पर जीतने वाले विपक्षी विधायकों का स्वागत किया है।

भाजपा अपने मिशन 300 प्लस को पूरा करने के लिए कटिबद्ध है और लक्ष्य को हासिल करने में कोई कसर नहीं छोड़ रही है।

उदाहरण के लिए, जिन पांच सीटों पर भाजपा उम्मीदवारों की जमानत जब्त की गई, वे गौरीगंज, सहसवां, सादाबाद, सोरांव और रायबरेली सदर सीट हैं।

रायबरेली की मौजूदा विधायक अदिति सिंह का भाजपा पहले ही स्वागत कर चुकी है। अदिति सिंह के पिता, स्वर्गीय अखिलेश सिंह ने इस क्षेत्र में काफी प्रभाव डाला और उन्होंने सीट पर 2017 में जीत हासिल किया था। भाजपा को भरोसा है कि वह सीट बरकरार रखेगी और इसे भगवा खेमे में जोड़ देगी।

2017 में हाथरस की सादाबाद सीट से बीजेपी को हराने वाले बसपा के रामवीर उपाध्याय भी बीजेपी में शामिल हो गए हैं और आगामी चुनावों में पार्टी के उम्मीदवार होंगे।

अमेठी की गौरीगंज सीट से समाजवादी पार्टी के राकेश प्रताप सिंह ने जीत हासिल की थी।

उन्होंने हाल ही में क्षेत्र में विकास की कमी का हवाला देते हुए राज्य विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था।

ऐसी अटकलें लगाई जा रही थीं कि वह अब अपने निर्वाचन क्षेत्र के विकास के लिए भाजपा में शामिल होने की तैयारी कर रहे हैं।

आजमगढ़ की सगड़ी सीट से बसपा विधायक वंदना सिंह भी इस सप्ताह की शुरुआत में भगवा पार्टी में शामिल हो गई हैं।

गाजीपुर के सईदपुर से सपा विधायक सुभाष पासी भी भाजपा में शामिल हो गए हैं और भगवा बैनर तले चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे हैं।

पार्टी के एक वरिष्ठ पदाधिकारी ने कहा, हम उन सीटों पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं जहां हम हार गए थे और अगर इन सीटों के मौजूदा विधायक हमारी पार्टी में शामिल होना चाहते हैं, तो हमें कोई आपत्ति नहीं है। स्क्रीनिंग कमेटी उनकी उम्मीदवारी को मंजूरी देगी और वे हमसे जुड़ सकते हैं।

भाजपा विशेष रूप से सपा विधायकों पर नजर गड़ाए हुए है, जिनमें से कुछ को उनकी पार्टी टिकट से वंचित कर सकती है क्योंकि सीटें सहयोगियों को दी जाएंगी।

सपा के एक विधायक ने कहा, मुझे पता चला है कि मेरी सीट रालोद द्वारा ली जा रही है और इसलिए मैं अगले पांच साल तक वापस नहीं बैठ सकता। अगर सभी तौर-तरीकों पर काम किया जाता है तो मैं भाजपा में शामिल होने की योजना बनाऊंगा।

--आईएएनएस

एसकेके/आरजेएस

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