राजद ने भाजपा से शराबबंदी की विफलता पर नीतीश सरकार से समर्थन वापस लेने को कहा
मेहता ने कहा कि अगर भाजपा के नेता इससे नाखुश हैं तो फिर वह सरकार से अपना समर्थन वापस क्यों नहीं ले लेते?
उन्होंने कहा, आप (भाजपा विधायक) शराबबंदी के फैसले पर सवाल उठा रहे हैं और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से इस विषय पर समीक्षा बैठक करने को कह रहे हैं और दूसरी तरफ सरकार का हिस्सा भी बने हुए हैं। आप नीतीश कुमार सरकार से समर्थन वापस क्यों नहीं ले रहे हैं? सत्ताधारी दल के विधायक एक ही समय पर सरकार की आलोचना करने और सत्ता में बने रहते हुए उसका आनंद लेना, दोनों नहीं कर सकते।
राजद के राष्ट्रीय महासचिव ने कहा, बिहार में शराबबंदी पूरी तरह से विफल हो गई है। राज्य सरकार के पास इस मुद्दे को हल करने की शक्ति नहीं है। नीतीश कुमार का सफल शराबबंदी का दावा पूरी तरह झूठा है।
राजद नेता का यह बयान भाजपा के दो विधायकों हरि भूषण सिंह बचौल और कुंदन सिंह द्वारा राज्य में शराबबंदी पर सवाल उठाने के बाद आया है।
मधुबनी जिले के बिप्सी से बीजेपी विधायक बचौल ने शराबबंदी को वापस लेने की मांग की। उन्होंने कहा कि नोटबंदी से सरकारी खजाने को राजस्व का नुकसान हो रहा है।
बेगूसराय से भाजपा विधायक कुंदन सिंह ने कहा कि राज्य में शराबबंदी के कारण अपराध दर बढ़ रही है।
सिंह ने कहा, जहां राज्य पुलिस बिहार में शराब के संचालन पर नजर रख रही है, वहीं हत्या, अपहरण, दुष्कर्म, चोरी और अन्य मामलों जैसे अपराध अब बढ़ रहे हैं। बिहार पुलिस बढ़ते अपराध ग्राफ पर ध्यान नहीं दे रही है।
उन्होंने कहा, शराबबंदी कानून को लागू करने के लिए राज्य पुलिस का दुल्हन के कमरे में घुसना बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। कोई भी इसे सही नहीं ठहरा सकता।
भाजपा विधायक ने कहा, स्कूली बच्चे अपने बैग में शराब की तस्करी कर रहे हैं। वे होम डिलीवरी की पेशकश कर रहे हैं और राज्य सरकार अगली पीढ़ी के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रही है।
उन्होंने आगे कहा, इसके अलावा, शराब माफिया पंचायत चुनाव लड़ रहे हैं। वे खुले तौर पर मतदाताओं के बीच शराब बांट रहे हैं। वे चुनाव जीतने और अधिक शक्तिशाली बनने के लिए अवैध साधनों का उपयोग कर रहे हैं। हम किस तरह का समाज बना रहे हैं?
--आईएएनएस
एकेके/एएनएम