राजस्थान कैबिनेट विस्तार के बाद विभागों का बंटवारा एक नई चुनौती

जयपुर, 22 नवंबर (आईएएनएस)। राजस्थान में शपथ ग्रहण समारोह के एक दिन बाद, कैबिनेट मंत्री और राज्य मंत्री पोर्टफोलियो वितरण का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। सूत्रों का कहना है कि दिल्ली से आलाकमान की टीम इसमें प्रमुख भूमिका निभा रही है।
राजस्थान कैबिनेट विस्तार के बाद विभागों का बंटवारा एक नई चुनौती
राजस्थान कैबिनेट विस्तार के बाद विभागों का बंटवारा एक नई चुनौती जयपुर, 22 नवंबर (आईएएनएस)। राजस्थान में शपथ ग्रहण समारोह के एक दिन बाद, कैबिनेट मंत्री और राज्य मंत्री पोर्टफोलियो वितरण का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। सूत्रों का कहना है कि दिल्ली से आलाकमान की टीम इसमें प्रमुख भूमिका निभा रही है।

सूत्रों ने कहा कि विभागों के बंटवारे को लेकर नए राजनीतिक समीकरण तैयार किए जा रहे हैं, जबकि ज्यादातर पुराने मंत्रियों के विभागों में बदलाव होना तय है।

पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने आईएएनएस को बताया कि आलाकमान कैबिनेट में नए चेहरों को चुनने से लेकर उनके विभागों तक सभी विकास की निगरानी कर रहा है, इसलिए देरी हो रही है।

इस बीच, सभी की निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि क्या मुख्यमंत्री अशोक गहलोत वित्त, एसीबी और आईटी सहित सभी बड़े विभागों को अपने पास रखेंगे या अन्य मंत्रियों को उनमें से कुछ मिलेंगे।

सचिन पायलट खेमे से हेमाराम चौधरी, जिन्होंने इस साल मई में राज्य सरकार पर उनके निर्वाचन क्षेत्र की अनदेखी का आरोप लगाते हुए इस्तीफा दे दिया था, उन्हें राजस्व मंत्री बनाया जा सकता है। वह पहले भी इस विभाग को संभाल चुके हैं।

इसके अलावा, दलित और एसटी मंत्रियों को पहले की तरह मजबूत विभाग मिलने की संभावना है, क्योंकि विधानसभा में मुद्दों को उठाया गया था जिसमें राज्य सरकार पर एससी-एसटी और दलित मंत्रियों को कमजोर विभाग देने का आरोप लगाया गया था।

इस बीच, पीसीसी प्रमुख गोविंद सिंह डोटासरा सोमवार को दो दिवसीय यात्रा पर दिल्ली पहुंचे, जहां वह महासचिव (संगठन) के.सी. वेणुगोपाल, अजय माकन, रणदीप सुरजेवाला और पवन बंसल से संगठनात्मक विस्तार पर चर्चा करेंगे।

--आईएएनएस

एमएसबी/आरजेएस

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