राष्ट्रपति ने गलवान घाटी के नायकों को वीरता पुरस्कार से किया सम्मानित

नई दिल्ली, 23 नवंबर (आईएएनएस)। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने राष्ट्रपति भवन में रक्षा अलंकरण समारोह के दौरान गलवान घाटी के नायकों, चीनी सैनिकों से लड़ने वालों और भारतीय तटरक्षक बल सहित सशस्त्र बलों के कर्मियों को वीरता पुरस्कार प्रदान किए।
राष्ट्रपति ने गलवान घाटी के नायकों को वीरता पुरस्कार से किया सम्मानित
राष्ट्रपति ने गलवान घाटी के नायकों को वीरता पुरस्कार से किया सम्मानित नई दिल्ली, 23 नवंबर (आईएएनएस)। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने राष्ट्रपति भवन में रक्षा अलंकरण समारोह के दौरान गलवान घाटी के नायकों, चीनी सैनिकों से लड़ने वालों और भारतीय तटरक्षक बल सहित सशस्त्र बलों के कर्मियों को वीरता पुरस्कार प्रदान किए।

कोविंद ने एक महावीर चक्र (मरणोपरांत), एक कीर्ति चक्र (मरणोपरांत), पांच वीर चक्र, जिसमें चार मरणोपरांत और छह शौर्य चक्र शामिल हैं, जिसमें एक मरणोपरांत विशिष्ट वीरता, अदम्य साहस और कर्तव्य के प्रति अत्यधिक समर्पण शामिल है।

राष्ट्रपति ने विशिष्ट सेवा के लिए 14 परम विशिष्ट सेवा पदक, दो उत्तम युद्ध सेवा पदक और 23 अति विशिष्ट सेवा पदक भी प्रदान किए।

महावीर चक्र (मरणोपरांत) कर्नल संतोष बाबू को प्रदान किया गया, जिन्होंने पिछले साल 15 जून को पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में चीनी सैनिकों के साथ हिंसक आमना-सामना के दौरान भारत की संप्रभुता की रक्षा में सर्वोच्च बलिदान दिया था। उनकी पत्नी और मां ने पुरस्कार ग्रहण किया।

मरणोपरांत वीरता पुरस्कार प्राप्त करने वाले अन्य गलवान नायकों में नायब सूबेदार नुदुरम सोरेन (16 बिहार), हवलदार के पलानी (81 फील्ड), नायक दीपक सिंह (16 बिहार) और सिपाही गुरतेज सिंह (3 पंजाब) शामिल हैं। हवलदार तेजिंदर सिंह (3 मध्यम) ने स्वयं वीर चक्र प्राप्त किया।

कर्नल संतोष बाबू के प्रशस्तिपत्र में लिखा है कि 16 बिहार कमांडिंग ऑफिसर को ऑपरेशन स्नो लेपर्ड के दौरान गालवान घाटी में तैनात किया गया था और उन्हें दुश्मन (चीन) के सामने एक अवलोकन पोस्ट स्थापित करने का काम सौंपा गया था। प्रशस्तिपत्र में कहा गया है कि दिवंगत कर्नल ने अपने सैनिकों को संगठित करने और एक ठोस योजना के साथ स्थिति के बारे में जानकारी देने के बाद योजना को सफलतापूर्वक अंजाम दिया।

इसमें आगे कहा गया है कि कर्नल संतोष बाबू को कड़े प्रतिरोध का सामना करना पड़ा। विरोधी ने घातक और धारदार हथियारों के साथ-साथ आसपास की ऊंचाइयों से भारी पथराव किया। उन्होंने भारतीय सैनिकों को पीछे धकेलने के दुश्मन के प्रयासों का विरोध किया और दुश्मन सैनिकों की भारी आक्रामक कार्रवाई से डर नहीं।

इसके अलावा, भारतीय सेना के 4 पैरा स्पेशल फोर्स सूबेदार संजीव कुमार के परिजनों को जम्मू-कश्मीर के केरन सेक्टर में उनके आतंकवाद विरोधी अभियान के लिए कीर्ति चक्र मिला। सूबेदार संजीव कुमार शहीद गए, जबकि उन्होंने और उनके दस्ते ने नियंत्रण रेखा पर घुसपैठ करने वाले पांच आतंकवादियों को करीब जाकर खत्म कर दिया।

--आईएएनएस

एसजीके/एएनएम

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