सिंधिया की मप्र में बढ़ सकती है सक्रियता

भोपाल, 10 मई (आईएएनएस)। मध्यप्रदेश में विधानसभा के चुनाव भले ही लगभग डेढ़ साल बाद होने हो, मगर सियासी कदमताल तेज हो गई है। कांग्रेस जहां केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया को उनके गढ़ ग्वालियर-चंबल अंचल में घेरने की कोशिश कर रही है, तो वहीं सिंधिया पूरे प्रदेश में अपनी सक्रियता बढ़ाने की तैयारी में जुटे नजर आने लगे हैं।
सिंधिया की मप्र में बढ़ सकती है सक्रियता
सिंधिया की मप्र में बढ़ सकती है सक्रियता भोपाल, 10 मई (आईएएनएस)। मध्यप्रदेश में विधानसभा के चुनाव भले ही लगभग डेढ़ साल बाद होने हो, मगर सियासी कदमताल तेज हो गई है। कांग्रेस जहां केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया को उनके गढ़ ग्वालियर-चंबल अंचल में घेरने की कोशिश कर रही है, तो वहीं सिंधिया पूरे प्रदेश में अपनी सक्रियता बढ़ाने की तैयारी में जुटे नजर आने लगे हैं।

कांग्रेस छोड़कर भाजपा का दामन थामने वाले ज्योतिरादित्य सिंधिया को घेरने के लिए कांग्रेस लगातार रणनीति बना रही है और अब तो पार्टी का सारा ध्यान ग्वालियर-चंबल अंचल पर केंद्रित होने लगा है। बीते दिनों पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने इस क्षेत्र में हुई बैठक में यह संकेत दे दिए हैं कि सिंधिया को घेरने में पार्टी कोई कसर नहीं छोड़ेगी। इसी क्रम में कांग्रेस आंदोलन की शुरूआत भी दतिया से करने जा रही है।

कांग्रेस जहां सिंधिया को घेरने के लिए रणनीति बनाने में व्यस्त है तो वहीं दूसरी ओर सिंधिया भी अब पूरे प्रदेश में अपनी सक्रियता बढ़ाने की तैयारी में जुटे नजर आ रहे हैं। उन्हें भोपाल के श्यामला हिल्स इलाके में बांग्ला भी आवंटित हो गया है और इस बंगले में वे सपरिवार गृह प्रवेश भी कर चुके हैं। सिंधिया ने इस दौरान इस बात के साफ तौर पर संकेत दे दिए हैं कि अब उनकी सियासत ग्वालियर से नहीं बल्कि भोपाल से चलेगी।

राजनीति के जानकारों का मानना है कि सिंधिया राजघराने का प्रभाव राज्य के कई इलाकों में है और इसके चलते सिंधिया भोपाल से उन इलाकों में अपनी उपस्थिति दर्ज कराना आसान मानते हैं। अब बंगला आवंटित हो गया है तो भोपाल उनका ज्यादा आना जाना होगा और ठहराव यहां होगा, जिसका लाभ भाजपा को मिल सकता है।

--आईएएनएस

एसएनपी/एएनएम

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