सीडीआरआई को बढ़ावा देने में भारत के नेतृत्व को स्वीकार करने के लिए प्रधानमंत्री ने मेडागास्कर राष्ट्रपति को धन्यवाद दिया

नई दिल्ली, 5 मई (आईएएनएस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को मेडागास्कर की राष्ट्रपति एंड्री नीरिना राजोइलिना को आपदा प्रतिरोधी बुनियादी ढांचे (सीडीआरआई) के लिए गठबंधन को बढ़ावा देने में भारत के नेतृत्व को स्वीकार करने के लिए धन्यवाद दिया।
सीडीआरआई को बढ़ावा देने में भारत के नेतृत्व को स्वीकार करने के लिए प्रधानमंत्री ने मेडागास्कर राष्ट्रपति को धन्यवाद दिया
सीडीआरआई को बढ़ावा देने में भारत के नेतृत्व को स्वीकार करने के लिए प्रधानमंत्री ने मेडागास्कर राष्ट्रपति को धन्यवाद दिया नई दिल्ली, 5 मई (आईएएनएस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को मेडागास्कर की राष्ट्रपति एंड्री नीरिना राजोइलिना को आपदा प्रतिरोधी बुनियादी ढांचे (सीडीआरआई) के लिए गठबंधन को बढ़ावा देने में भारत के नेतृत्व को स्वीकार करने के लिए धन्यवाद दिया।

मेडागास्कर के राष्ट्रपति के एक ट्वीट के जवाब में, मोदी ने ट्वीट किया, धन्यवाद राष्ट्रपति राजोइलिना। जलवायु परिवर्तन के कारण द्वीपीय देशों के सामने आने वाली चुनौतियां सीडीआरआई पहल के तहत अवरोधी अवसंरचना के निर्माण के हमारे प्रयासों का एक प्रमुख केंद्र बिंदु हैं।

इससे पहले, राजोइलिना ने ट्वीट किया था, मैं इस गठबंधन के माध्यम से जलवायु और आपदा लचीलापन को बढ़ावा देने में भारत के नेतृत्व के लिए प्रधानमंत्री प्रधानमंत्री को धन्यवाद देता हूं। मुझे विश्वास है कि लोगों के जीवन पर प्रत्यक्ष प्रभाव के साथ हमारी गतिविधियां फलदायी होंगी।

बुधवार को, मोदी ने एक वीडियो संदेश के माध्यम से आपदा प्रतिरोधी बुनियादी ढांचे पर अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन के चौथे संस्करण के उद्घाटन सत्र को संबोधित किया।

मोदी ने सभा को याद दिलाया कि सतत विकास लक्ष्यों का एकमात्र वादा किसी को पीछे नहीं छोड़ना है।

उन्होंने कहा, इसीलिए, हम सबसे गरीब और सबसे कमजोर लोगों की आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए अगली पीढ़ी के बुनियादी ढांचे का निर्माण करके उनकी जरूरतों को पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।

प्रधानमंत्री ने यह भी कहा था कि बुनियादी ढांचा लोगों के बारे में है और उन्हें समान तरीके से उच्च गुणवत्ता, भरोसेमंद और टिकाऊ सेवाएं प्रदान करना है।

उन्होंने कहा, लोगों को किसी भी बुनियादी ढांचे के विकास की कहानी के केंद्र में होना चाहिए। और ठीक यही हम भारत में कर रहे हैं।

--आईएएनएस

एचके/

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