तेलंगाना के मुख्यमंत्री ने की जाति जनगणना, अनुसूचित जाति कोटा बढ़ाने की मांग

हैदराबाद, 5 अक्टूबर (आईएएनएस)। तेलंगाना के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव ने मंगलवार को केंद्र से अनुसूचित जातियों के आरक्षण कोटा बढ़ाने और जातिगत जनगणना कराने का आग्रह किया।
तेलंगाना के मुख्यमंत्री ने की जाति जनगणना, अनुसूचित जाति कोटा बढ़ाने की मांग
तेलंगाना के मुख्यमंत्री ने की जाति जनगणना, अनुसूचित जाति कोटा बढ़ाने की मांग हैदराबाद, 5 अक्टूबर (आईएएनएस)। तेलंगाना के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव ने मंगलवार को केंद्र से अनुसूचित जातियों के आरक्षण कोटा बढ़ाने और जातिगत जनगणना कराने का आग्रह किया।

विधानसभा में बोलते हुए उन्होंने मांग की कि केंद्र को बदली हुई गतिशीलता को देखते हुए अनुसूचित जाति कोटा मौजूदा 15 प्रतिशत से अधिक बढ़ाना चाहिए।

उनकी सरकार द्वारा शुरू की गई दलित बंधु योजना पर बहस का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि अनुसूचित जाति की आबादी में 15 प्रतिशत आरक्षण प्रदान करने के लिए अधिनियम के बाद से वृद्धि हुई है।

केसीआर ने बताया कि आम धारणा के विपरीत तेलंगाना में दलित कुल आबादी का केवल 15 प्रतिशत हैं, आंकड़े बताते हैं कि वे 17.53 प्रतिशत हैं।

उन्होंने कहा कि कुछ जिलों में दलित आबादी के 20 प्रतिशत से अधिक हैं। मंचेरियल जिले में दलितों की आबादी सबसे अधिक 25.64 प्रतिशत है। उन्होंने कहा कि तेलंगाना में 1.03 करोड़ परिवारों में से लगभग 18 लाख दलित हैं।

मुख्यमंत्री ने केंद्र से जाति जनगणना कराने का भी आग्रह किया। उन्होंने घोषणा की कि विधानसभा इस संबंध में एक प्रस्ताव पारित करेगी और इसे केंद्र को भेजेगी।

केसीआर ने जाति जनगणना के लिए ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के नेता अकबरुद्दीन ओवैसी के सुझाव का समर्थन किया है और आश्चर्य जताया कि केंद्र इसे करने के लिए आगे क्यों नहीं आ रहा है।

उन्होंने कहा, आंकड़ों के अभाव में हर तरह फालतू बात की जाती है। जब तक आपके पास तथ्य और आंकड़े नहीं होंगे, आप किसी भी वर्ग के उत्थान के लिए उचित योजना नहीं बना सकते।

केसीआर ने यह भी बताया कि अन्य देशों के विपरीत, भारत के पास कोई राष्ट्रीय पहचान पत्र नहीं है। उन्होंने कहा, यहां तक कि हमारे पड़ोसी देश म्यांमार ने भी पहचान पत्र जारी किए हैं। बड़ी मुश्किल से हमारे पास आधार था, लेकिन कुछ अजीब कारणों से इसे राष्ट्रीय पहचान पत्र के रूप में भी स्वीकार नहीं किया जाता है।

मुख्यमंत्री ने एससी आरक्षण के वर्गीकरण की आवश्यकता को भी रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि उन्होंने प्रधानमंत्री के साथ बैठकों के दौरान कई बार इस मुद्दे को उठाया और विधानसभा में एक प्रस्ताव पारित किया गया और केंद्र को भेजा गया। उन्होंने राज्य के भाजपा नेताओं को केंद्र में अपनी सरकार बनाने की सलाह दी और इस मांग को स्वीकार करने की पेशकश की और राष्ट्रीय राजधानी से लौटने पर उनका गर्मजोशी से स्वागत और अभिनंदन करने की पेशकश की।

--आईएएनएस

एचके/आरजेएस

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