दिल्ली हाईकोर्ट ने कश्मीरी अलगाववादी आसिया अंद्राबी की याचिका पर एनआईए से मांगा जवाब
इस मामले में नोटिस जारी करते हुए जस्टिस मुक्ता गुप्ता और अनीश दयाल की खंडपीठ ने मामले को आगे की सुनवाई के लिए 28 सितंबर की तारीख तय की है।
अपनी याचिका में अंद्राबी ने कहा, अपील में बैठे विशेष न्यायाधीश की यह व्याख्या कि सदन में साक्षात्कार देना आतंकवाद के एक कृत्य के समान होगा, पूरी तरह से योग्यता से रहित है। यह अपीलकर्ता ने साक्षात्कार के लिए अपने घर पर मीडियाकर्मियों को नहीं बुलाया था, बल्कि मीडियाकर्मी ही उनके घर इंटरव्यू लेने गए थे.. इसलिए यह नहीं कहा जा सकता कि अपीलकर्ता अपने घर का इस्तेमाल आतंकवाद फैलाने के लिए कर रही थी।
अदालत ने अंद्राबी की कथित सहयोगी सोफी फहमीदा की कार को जब्त करने के खिलाफ इसी तरह की एक अन्य याचिका पर भी जांच एजेंसी से जवाब मांगा है।
एजेंसी ने असिया अंद्राबी के सहयोगी सोफी फहमीदा की क्रेटा कार जब्त की थी।
अधिकारियों के अनुसार, जब्त की गई अचल संपत्तियों में अंद्राबी की सास महमूदा बेगम के घर सहित पांच घर शामिल हैं।
आसिया अंद्राबी के नेतृत्व में पाकिस्तान प्रायोजित महिला कट्टरपंथी समूह दुखतारान-ए-मिल्लत (डीईएम) पर उसके सहयोगी सोफी फहमीदा और नाहिदा नसरीन पर आतंकवाद और देशद्रोह का आरोप लगाया गया था। अंद्राबी को कथित तौर पर पाकिस्तान के समर्थन से आतंकी कृत्यों को अंजाम देने और देश के खिलाफ युद्ध छेड़ने की साजिश रची गई थी।
उन पर अपनी दो अन्य महिला सहयोगियों के साथ भारत की संप्रभुता और अखंडता को गंभीर रूप से अस्थिर करने की साजिश और कृत्यों में शामिल होने का आरोप लगाया गया था। तीनों को 2018 में गिरफ्तार किया गया था।
अंद्राबी के पति आशिक हुसैन फकटू को दिसंबर 1992 में मानवाधिकार कार्यकर्ता और सामाजिक कार्यकर्ता, हृदय नाथ वांचू की हत्या के लिए आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी।
--आईएएनएस
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