तृणमूल ने बीएसएफ का अधिकार क्षेत्र बढ़ाने के केंद्र के कदम की आलोचना की

कोलकाता, 14 अक्टूबर (आईएएनएस)। केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा पश्चिम बंगाल, पंजाब और असम में बीएसएफ के अधिकार क्षेत्र का विस्तार करने वाली अधिसूचना जारी किए जाने के अगले दिन तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) ने आरोप लगाया कि यह राज्य के अधिकारों का हनन और देश के संघीय ढांचे पर हमला है।
तृणमूल ने बीएसएफ का अधिकार क्षेत्र बढ़ाने के केंद्र के कदम की आलोचना की
तृणमूल ने बीएसएफ का अधिकार क्षेत्र बढ़ाने के केंद्र के कदम की आलोचना की कोलकाता, 14 अक्टूबर (आईएएनएस)। केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा पश्चिम बंगाल, पंजाब और असम में बीएसएफ के अधिकार क्षेत्र का विस्तार करने वाली अधिसूचना जारी किए जाने के अगले दिन तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) ने आरोप लगाया कि यह राज्य के अधिकारों का हनन और देश के संघीय ढांचे पर हमला है।

अधिसूचना के मुताबिक, केंद्रीय बल 15 किलोमीटर के बजाय अब 50 किलोमीटर के बड़े हिस्से में तलाशी अभियान चलाने में सक्षम होगा।

टीएमसी ने अधिसूचना वापस लेने की मांग करते हुए दावा किया कि यह निर्णय पश्चिम बंगाल सरकार से परामर्श किए बिना लिया गया। टीएमसी प्रवक्ता कुणाल घोष ने कहा, हम इस फैसले का विरोध करते हैं। यह राज्य के अधिकारों का हनन है। राज्य सरकार को सूचित किए बिना बीएसएफ के अधिकार क्षेत्र को बढ़ाने की अचानक क्या जरूरत थी?

घोष ने एक ट्विटर संदेश में लिखा, सीमाओं के भीतर बीएसएफ के अधिकार क्षेत्र को 15 किलोमीटर से बढ़ाकर 50 किलोमीटर करने का निर्णय अस्वीकार्य है। यह उन क्षेत्रों में प्रत्यक्ष हस्तक्षेप है जो राज्य सरकार के अधिकार क्षेत्र में हैं। तृणमूल कांग्रेस मामले को गंभीरता से ले रही है। हम इस मुद्दे पर अपनी राय रखेंगे।

केंद्रीय गृह मंत्रालय ने बुधवार को पश्चिम बंगाल, पंजाब और असम राज्यों में बीएसएफ के जनादेश को बढ़ाने के लिए एक अधिसूचना जारी की, जहां केंद्रीय बल सीमा से 50 किलोमीटर के दायरे में तलाशी अभियान चलाने में सक्षम होगा। बीएसएफ के पास न केवल उस क्षेत्र के भीतर संपत्ति को जब्त करने की शक्ति होगी, बल्कि इस मामले में राज्य पुलिस के साथ समान शक्ति भी होगी।

हालांकि एमएचए ने स्पष्ट किया कि हाल ही में सीमाओं के पार से अवैध हथियारों की तस्करी में खतरनाक वृद्धि हुई है और इस प्रवृत्ति को रोकने के लिए बीएसएफ के जनादेश का विस्तार किया गया था, तृणमूल कांग्रेस ने कहा कि यह राज्य के अधिकार क्षेत्र में एक सीधा हस्तक्षेप है।

घोष के अनुसार, चूंकि कानून और व्यवस्था राज्य का विषय है, इसलिए बीएसएफ को विस्तारित शक्तियां एक अनावश्यक संघर्ष को जन्म देंगी। साथ ही, इससे न केवल बीएसएफ और राज्य पुलिस के बीच तनाव पैदा होगा, बल्कि अराजकता भी फैलेगी।

उन्होंने कहा कि इससे अंतत: सीमावर्ती क्षेत्रों में अनावश्यक तनाव बढ़ेगा और कानून-व्यवस्था की स्थिति बिगड़ेगी।

घोष ने कहा, अगर बीएसएफ को कोई तलाशी करनी है, तो वे हमेशा राज्य पुलिस के साथ मिलकर ऐसा कर सकते हैं। यह सालों से चली आ रही है। यह संघीय ढांचे पर हमला है।

टीएमसी के एक अन्य वरिष्ठ नेता ने कहा, केंद्र और गृहमंत्री अमित शाह राज्यों को कमजोर करने की कोशिश कर रहे हैं। सीमावर्ती गांवों में मानवाधिकारों के मामले में बीएसएफ का ट्रैक रिकॉर्ड अच्छा नहीं है।

वहीं, राज्य कांग्रेस अध्यक्ष अधीर चौधरी ने केंद्रीय गृह मंत्रालय को इस कदम दुष्परिणाम भुगतने की चेतावनी दी।

--आईएएनएस

एसजीके

Share this story