मप्र में भाजपा और कांग्रेस संगठन को जमीनी स्तर पर मजबूत करने में जुटीं

भोपाल, 26 नवंबर (आईएएनएस)। मध्य प्रदेश में विधानसभा के चुनाव के लिए भले ही देा वर्ष का वक्त हेा, मगर भाजपा और कांग्रेस ने जमीनी तैयारी तेज कर दी है। दोनों ही दलों को पता है कि संगठनों की मजबूती के बगैर आम मतदाता के बीच अपनी बात को नहीं पहुंचाया जा सकता। यही कारण है कि दोनों दलों ने संगठन की मजबूती पर जोर लगा दिया है।
मप्र में भाजपा और कांग्रेस संगठन को जमीनी स्तर पर मजबूत करने में जुटीं
मप्र में भाजपा और कांग्रेस संगठन को जमीनी स्तर पर मजबूत करने में जुटीं भोपाल, 26 नवंबर (आईएएनएस)। मध्य प्रदेश में विधानसभा के चुनाव के लिए भले ही देा वर्ष का वक्त हेा, मगर भाजपा और कांग्रेस ने जमीनी तैयारी तेज कर दी है। दोनों ही दलों को पता है कि संगठनों की मजबूती के बगैर आम मतदाता के बीच अपनी बात को नहीं पहुंचाया जा सकता। यही कारण है कि दोनों दलों ने संगठन की मजबूती पर जोर लगा दिया है।

राज्य में वर्ष 2018 के विधानसभा के चुनाव में कांग्रेस के खाते में जीत आई थी तो भाजपा के सत्ता से दूर रहने पड़ा था। कांग्रेस महज डेढ़ साल तक ही सत्ता में रह सकी थी और पार्टी केा बगावत के चलते सत्ता गंवाना पड़ी थी। उसके बाद भाजपा ने सत्ता संभाली। दोनों दलों केा आगामी चुनाव आसान नहीं लग रहे, यही कारण है कि संगठन की कसावट के प्रयास तेज कर दिए गए है।

भाजपा के विधायकों और संगठन से जुड़े लोगों की दो दिनों तक बैठकों का दौर चला। इस बैठक में जमीनी फीडबैक लिया गया। विधायकों से लेकर मंत्रियों तक ने अपनी समस्याएं बताई। साथ ही केंद्र और राज्य सरकार की योजनाओं की स्थिति का ब्यौरा भी दिया। वहीं प्रदेश कार्यसमिति की शुक्रवार को भोपाल में बैठक हो रही है।

दूसरी ओर, कांग्रेस ने भी हर मोर्चा को सक्रिय करने की रणनीति पर काम तेज कर दिया है। कांग्रेस के महिला मोर्चा, अनुसूचित जनजाति के विधायकों व पदाधिकारी की बैठके हुई तो वहीं अनुसूचित जाति मोर्चा की बैठक हो रही है।

भाजपा ने संगठन को मजबूत करने के प्रयास में आ रही ढीलाई पर कई नेताओं की खिंचाई भी की। भाजपा के कई मोचरें के अलावा जिला इकाईयों की कार्यकारिणी का गठन न होने पर चिंता जताई। साथ ही, जल्दी गठन न होने पर चेतावनी भी दी ।

दोनों ही दलों की कोशिश है कि वे संगठन के पदाधिकारियों और इकाईयों को पहले की तुलना में ज्यादा सक्रिय किया जाए,सक्षम बनाया जाए। इसकी वजह है कि भाजपा को जहां दल बदल के कारण सत्ता मिलने का बहुत ज्यादा संतोष नहीं है, तो वहीं कांग्रेस केा सत्ता छिनने का मलाल है। इसी के चलते दोनों दलों ने जमीनी तैयारी पर ज्यादा जेार देना शुरु कर दिया है।

--आईएएनएस

एसएनपी/आरजेएस

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