ईडी ने धोखाधड़ी मामले में दिल्ली की फर्मो के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की


ईडी ने मामले में यूनिकॉन सिक्योरिटीज प्राइवेट लिमिटेड के प्रबंधन कर्मियों विकास मल्लन, संदीप अरोड़ा और नीरज ग्रोवर पर भी मुकदमा चलाया है।
ईडी ने कहा, यूनिकॉन सिक्योरिटीज प्राइवेट लिमिटेड (यूएसपीएल) यूनिकॉन समूह की कंपनियों की प्रमुख कंपनी थी। यह भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) के साथ सेंट्रल डिपॉजिटरी सर्विसेज लिमिटेड (सीडीएसएल) के स्टॉकब्रोकर और डिपॉजिटरी भागीदार के रूप में भी पंजीकृत थी। जनवरी 2014 से। इसके बाद लगभग 4156 निवेशकों ने सेबी से संपर्क किया और उनके धन और प्रतिभूतियों की प्राप्ति न होने की शिकायत दर्ज की। इसके बाद सेबी की एक जांच में सेबी अधिनियम, नियमों और विनियमों के कई उल्लंघनों की ओर इशारा किया गया।
इसके बाद ईडी ने प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत निवेशकों के पैसे और सिक्योरिटीज पर किए गए 88 करोड़ रुपये के इस फ्रॉड की जांच शुरू की थी।
ईडी को जांच के दौरान पता चला कि नागपाल, गुप्ता और अन्य के निर्देशन और नियंत्रण में यूनिकॉन सिक्योरिटीज प्रा. लिमिटेड, अवैध रूप से ऋण प्राप्त करने के लिए ग्राहकों की प्रतिभूतियों को विभिन्न बैंकों और एनबीएफसी के पास गिरवी रखने में लिप्त था। ग्राहकों के धन के साथ इस तरह से प्राप्त ऋणों को डायवर्ट किया गया, बेईमानी से निकाला गया और अंतत: इसके निदेशकों और यूनिकॉन समूह की कंपनियों के लाभ के लिए उपयोग किया गया, जो रियल एस्टेट और अन्य व्यावसायिक गतिविधियों में लिप्त पाए गए थे। पीएमएलए जांच से यह भी पता चला कि यूएसपीएल, गजेंद्र नागपाल, उनकी पत्नी सोनिया नागपाल, राम मोहन गुप्ता, विकास मल्लन, संदीप अरोड़ा और नीरज ग्रोवर भी इन आपराधिक गतिविधियों से अर्जित अपराध के लाभार्थी थे।
अधिकारी ने कहा, पीएमएलए जांच के दौरान, 30,14,77,028 रुपये के अपराध की आय को स्क्रिप, बैलेंस, कैश आदि के रूप में पहचाना गया और कुर्क किया गया।
--आईएएनएस
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