कर्नाटक: उपमुख्यमंत्री शिवकुमार बोले, किसी को कानून अपने हाथ में नहीं लेने देंगे

शिवकुमार ने यहां विधान सौदा में पत्रकारों से बातचीत में कहा, पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा था कि भगवाकरण क्यों नहीं? नैतिक पुलिसिंग क्यों नहीं? लेकिन हम किसी को भी कानून अपने हाथ में लेने की अनुमति नहीं देंगे।
शिवकुमार ने विस्तारपूर्वक कहा, चाहे वह कांग्रेसी हो या किसी और राजनीतिक दल का कार्यकर्ता, किसी को भी कानून अपने हाथ में नहीं लेना चाहिए। कानून की रक्षा पुलिस द्वारा की जानी चाहिए। जैसा कि मैंने कल (पुलिस अधिकारियों की बैठक में) कहा था, तीन-चार स्थानों पर पुलिस विभाग के पूरे स्टाफ ने वर्दी की बजाय राजनीतिक एजेंडे का प्रतिनिधित्व करने वाले कपड़े पहने और तस्वीरें खिंचवाईं। संविधान ऐसा नहीं कहता है, और यह कानून के अनुरूप भी नहीं है। पुलिस विभाग की कर्नाटक में एक बड़ी छवि है।
हालांकि, उन्होंने पूर्व गृह मंत्री अरागा जनेंद्र के एक बयान पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया कि वह पुलिस अधिकारियों पर हावी होने लगे हैं। उन्होंने कहा, लोगों ने अरागा जनेंद्र और उनकी सरकार को चुनावों में करारा जवाब दिया है। मेरे पास उनके बयानों का जवाब देने का समय नहीं है।
उपमुख्यमंत्री ने याद दिलाया कि पार्टी में बड़े पद पर काबिज कैबिनेट मंत्री प्रियांक खड़गे ने जब भ्रष्टाचार का मुद्दा उठाया था तो उन्हें तलब किया गया था। शिवकुमार ने कहा, कितने लोगों को तलब किया गया है? दूसरों को क्यों नहीं? क्या उन्हें निशाना बनाया गया क्योंकि वह एक दलित हैं? वह कांग्रेस विधायक हैं? पुलिस को कानून के अनुसार काम करना होगा, देश पहले आता है।
शिवकुमार ने मंगलवार को कर्नाटक के पुलिस अधिकारियों को फटकार लगाई और उनसे सवाल किया कि वे राज्य पुलिस विभाग का भगवाकरण करने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने जोर देकर कहा, क्या आप पुलिस विभाग का भगवाकरण करने की तैयारी में हैं? हमारी सरकार के तहत हम इसकी अनुमति नहीं देंगे।
उन्होंने कहा, हम जानते हैं कि पुलिस अधिकारी कैसे मेंगलुरु, बीजापुर (विजयपुरा), बगलकोट में भगवा शॉल पहनकर थाने आए और विभाग का अपमान किया। शिवकुमार ने पुलिस अधिकारियों पर ताना मारते हुए कहा, आपको इस बैठक में भगवा शॉल पहनकर आना चाहिए था।
उन्होंने कहा कि अगर देशभक्ति करनी थी तो उन्हें राष्ट्रध्वज पहनकर काम पर आना चाहिए था। उपमुख्यमंत्री ने दोहराया, हम पुलिस विभाग का भगवाकरण नहीं होने देंगे।
शिवकुमार ने सवाल किया, यदि एक एडीजीपी रैंक का अधिकारी पीएसआई भर्ती घोटाले में ओएमआर शीट बनाने में शामिल था तो कल्पना कीजिए कि पुलिस विभाग किस स्तर तक गिर गया होगा।
उनके बयानों पर बोम्मई और ज्ञानेंद्र ने तीखी प्रतिक्रियाएं व्यक्त कीं।
--आईएएनएस
एकेजे