60.6 प्रतिशत से अधिक लोगों का मानना, लखीमपुर घटना के पीछे अजय मिश्रा का बयान : सर्वे
आईएएनएस-सीवोटर-एबीपी सर्वेक्षण में पाया गया कि लगभग 60.6 प्रतिशत प्रतिभागियों को लगता है कि घटना के पीछे मिश्रा का बयान है। करीब 39.4 फीसदी का मानना है कि उक्त घटना के पीछे मंत्री का बयान नहीं है।
सर्वे में सामने आया कि करीब 57.6 फीसदी लोगों का मानना है कि लखीमपुर की घटना के बाद किसानों और सरकार के बीच हुए समझौते के बावजूद उत्तर प्रदेश में आगामी विधानसभा चुनाव को देखते हुए विपक्षी दल इसे राजनीतिक मुद्दा बना रहा है। वहीं सर्वे में शामिल लगभग 42.4 प्रतिशत प्रतिभागियों का मानना है कि विपक्ष इस घटना का राजनीतिकरण नहीं कर रहा है।
दो तिहाई से अधिक प्रतिभागियों का मानना है कि लखीमपुर जैसी घटनाओं ने उत्तर प्रदेश की छवि खराब की है। जबकि 69.6 प्रतिशत उत्तरदाताओं का मानना है कि लखीमपुर जैसी घटनाओं के कारण उत्तर प्रदेश सरकार की छवि खराब हो रही है। जबकि 30.4 फीसदी का मानना है कि उत्तर प्रदेश सरकार की छवि खराब नहीं हुई है।
सर्वेक्षण में आगे खुलासा हुआ कि 59.6 प्रतिशत उत्तरदाताओं का मानना है कि लखीमपुर की घटना उत्तर प्रदेश में आगामी विधानसभा चुनावों में भाजपा के लिए हानिकारक साबित होगी। वहीं 40.4 फीसदी का मानना है कि आगामी उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में इसका बीजेपी पर कोई असर नहीं होगा।
लगभग 63.2 प्रतिशत प्रतिभागियों को लगता है कि पिछले कुछ दिनों में राज्य में कानून-व्यवस्था की स्थिति के कारण उत्तर प्रदेश सरकार की छवि धूमिल हुई है। करीब 36.8 फीसदी का मानना है कि इससे राज्य सरकार की छवि पर कोई असर नहीं पड़ा है।
सर्वे में शामिल लगभग 58.5 प्रतिशत का मानना है कि किसान अपने आंदोलन के मुद्दे पर सही हैं और केवल 41.5 प्रतिशत सोचते हैं कि किसान आंदोलन पर सरकार का रुख सही है।
सर्वेक्षण 5 से 8 अक्टूबर तक उत्तर प्रदेश के सभी 403 निर्वाचन क्षेत्रों में 2,805 प्रतिभागियों के बीच किया गया है।
--आईएएनएस
एकेके/एएनएम