बागपत के अमन कुमार ने यूनेस्को के कार्यक्रम में सार्क देशों का किया प्रतिनिधित्व

Unesco

बड़ौत/बागपत

यूनेस्को एमआईएल द्वारा मीडिया और सूचना साक्षरता आधारित यूथ डिबेट सीरीज का वर्चुअल आयोजन किया गया जिसमें ट्यौढी के युवा सामाजिक कार्यकर्ता अमन कुमार ने साउथ एशियन सार्क देशों का प्रतिनिधित्व करते हुए अपने विचार साझा किए।

कार्यक्रम हेतु 200 से अधिक आवेदनों में साउथ एशिया के प्रतिनिधित्व हेतु अमन कुमार का चयन किया गया। कार्यक्रम का लाइव प्रसारण यूनेस्को के सोशल मीडिया पर किया गया। अमन सहित अन्य युवाओं की चर्चा से सामने आए सुझावों को यूनेस्को एमआईएल पॉलिसी में समाहित कर सभी राष्ट्रों के समक्ष प्रस्ताव भेजा जाएगा। कार्यक्रम में यूनेस्को पेरिस मुख्यालय से वरिष्ठ अधिकारियों सहित अन्य ने युवाओं के विचारों को सुना।

युवा अमन कुमार ने कहा कि डिजिटल युग में जेनरेटिव आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, जीपीटी मॉडल जैसी विभिन्न नई तकनीकी तेजी से विकसित हो रही है जिनकी असीम संभावनाओं के साथ ही इनके कुछ दुष्प्रभाव भी है। इन टेक्नोलॉजी के माध्यम से इंटरनेट मीडिया पर फेक न्यूज, डीप फेक मीडिया जैसे विभिन्न संकट सामने आ रहे है जिसके माध्यम से बड़ी संख्या में इंटरनेट यूजर्स को भ्रमित किया जा रहा है।

अगले दो वर्षों में दुनियाभर के कई राष्ट्र अपनी सरकार चुनने जा रहे है और इस समय में गलत जानकारियों और तथ्यों के प्रचार प्रसार को रोकने के लिए पॉलिसी बनाया जाना बेहद जरूरी है। 

विशेष रूप से इस संकट से हमारे युवा प्रभावित होते है क्योंकि इंटरनेट यूजर्स के एक बड़े हिस्से में युवा शामिल है। टेक्नोलॉजी के बुरे प्रभावों को कम करने और इसके सकारात्मक प्रयोग को प्रोत्साहित करने के लिए मीडिया और सूचना साक्षरता बेहद जरूरी है। मीडिया और सूचना साक्षर होने पर इंटरनेट उपयोगकर्ता विभिन्न प्रकार के मीडिया और सूचना का पूर्ण विश्लेषण करने में सक्षम होते है और किसी भी फोटो, वीडियो, मैसेज पर विश्वास करने अथवा उसको अग्रेषित करने से पहले उसके तथ्यों की जांच करते है।

यूनेस्को एमआईएल का उद्देश्य है कि मीडिया और सूचना साक्षरता को सभी लोगों के बीच पहुंचाया जाए और लोगों को डिजिटल स्पेस में सशक्त उपयोगकर्ता बनने के लिए जरूरी कौशल का प्रशिक्षण मिले।

अमन सहित विभिन्न देशों से जुड़े कुल आठ युवाओं ने यूनेस्को एमआईएल यूथ डिबेट सीरीज के प्रथम सत्र में अपने विचार और चिंताएं व्यक्त की और यूनेस्को को नीति निर्माण के लिए महत्वपूर्ण सुझाव दिए। युवाओं के योगदान से बने अंतिम प्रस्ताव को सभी राष्ट्रों के बीच साझा कर यूनेस्को द्वारा मीडिया और सूचना साक्षरता को बढ़ावा दिया जाएगा।

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