BJP is funded by Jinnah's Grandson : जिन्ना के फैमिली ने किया BJP को funding

BJP is funded by Jinnah's Grandson :  Jinnah's family funded BJP
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BJP is funded by Jinnah's Grandson : भारतीय जनता पार्टी. मौजूदा भारत की सत्ताधारी पार्टी. साथ ही दुनिया की सबसे बड़ी पार्टी भी. चीन की कम्यूनिस्ट पार्टी अब तक दुनिया की सबसे बड़ी पार्टी हुआ करती थी, लेकिन भारतीय जनता पार्टी ने जबसे अपने संगठन का विस्तार करना शुरू किया है, उसके बाद से इसमें इतने लोग शामिल होते चले गए कि चीन की कम्यूनिस्ट पार्टी को पीछे छोड़कर ये दुनिया की सबसे बड़ी पार्टी बन गई. और अगर मैं कहुं कि बीजेपी की इस अपार कामयाबी में कहीं न कहीं जिन्ना का हाथ है तो क्या आप मेरा विश्वास करेंगे?  हां-हां वोही पाकिस्तान बनाने वाले जिन्ना की ही बात कर रहा हूं मैं..आप शायद सोच रहे होंगे कि क्या बेतुकी बातें कर रहा है ये शख्स, लेकिन चलिए मैं आपको अपनी इस बात को प्रूव करके दिखाता हूं, उसके बाद आप खुद डिसाइड करना की मेरी बातों में कितना दम है.

 


आपने बॉम्बे डाइंग कंपनी का नाम ज़रुर सुना होगा. ये कंपनी भारत के सबसे बड़े textile producers में से एक है. ये वाडिया ग्रुप की subsidiary company के रूप में काम करती है.देश के सबसे पुराने औद्योगिक घरानों में से एक वाडिया फैमिली आज देश में कपड़ों से लेकर बिस्किट तक के कारोबार में दखल रखती है.चेयरमैन के तौर पर वाडिया ग्रुप का कारोबार संभाल रहे नुस्ली वाडिया का पाकिस्तान के संस्थापक मोहम्मद अली जिन्ना से भी गहरा कनेक्शन है. चलिए कनेक्शन जानते हैं.

1736 में स्थापित वाडिया ग्रुप के कारोबार में नुस्ली वाडिया ने 1970 के दशक में कदम रखा था. शुरुआत से ही नुस्ली वाडिया अपनी जिद के पक्के व्यक्ति थे और जो उन्हें सही लगता था, उसके लिए वो किसी भी लड़ जाते थे. ऐसा ही एक वाकया उनका अपने फादर के साथ भी हुआ था. एक्चुअली उनके फादर नेविल वाडिया बॉम्बे डाइंग कंपनी बेचना चाहते थे औऱ भारत छोड़कर किसी और देश में बसना चाहते थे. इस पर नुस्ली वाडिया ने तीखा विरोध किया और कहा कि वो ऐसा हरगिज़ नहीं करेंगे. उन्होंने अपने पिता से कहा कि मैं किसी यूरोपीय देश में सेंकेड क्लास सिटिजन बनकर नहीं रहना चाहता है. मैं भारत में ही रहूंगा और बॉम्बे डाइंग कंपनी को चलाता रहूंगा. नुस्ली वाडिया की इस बात का उनके पूरे परिवार ने Support किया और इस तरह से वाडिया ग्रुप भारत में ही रह गया. 

कहा जाता है कि नुस्ली वाडिया की ये कोशिश उनकी मां दीना वाडिया औऱ टाटा ग्रुप के जेआरडी टाटा के चलते कामयाब हुई थी.दरअसल दीना वाडिया खुद भी भारत छोड़कर नहीं जाना चाहती थीं. अब चलिए आपको एक बहुत ही इंटरेस्टिंग बात बताते हैं... जिन दीना वाडिया की बात हो रही है वो पाकिस्तान के संस्थापक मोहम्मद अली जिन्ना की बेटी थीं. इंडिया के partition के बाद उन्होंने भी पाकिस्तान जाने से इनकार कर दिया था और भारत में ही रहने का फैसला लिया था. अपनी मां के रास्ते पर ही एक बार फिर नुस्ली वाडिया आगे बढ़े और भारत में ही रहने का फैसला लिया..

तो इससे ये पता चलता है कि पाकिस्तान के संस्थापक मोहम्मद अली जिन्ना नुस्ली वाडिया के नाना थे... कहा जाता है कि नेविल वाडिया नाम के एक पारसी शख्स से शादी करने के चलते मोहम्मद अली अपनी बेटी दीना से नाखुश थे और यहीं से बाप-बेटी के बीच संबंध कमजोर होते चले गए... एक तरफ पाकिस्तान की मांग करने वाले जिन्ना और दूसरी तरफ उनकी बेटी के गैर-मुस्लिम से शादी करने को लेकर वो असहज थे. आखिर में पार्टीशन के बाद जिन्ना भले ही भारत से चले गए, लेकिन दीना वाडिया भारत में ही रहीं.आपको बता दें कि मोहम्मद अली जिन्ना की पत्नी और दीना की मां रतन बाई भी पारसी महिला थीं... शायद इसलिए ही दीना वाडिया के दिल में पारसियों के लिए एक सॉफ्ट कॉर्नर था और उन्होंने पारसी से ही शादी की.

इस वीडियो की शुरुआत में हमनें आपको बताया था कि भारतीय जनता पार्टी की कामयाबी में मोहम्मद अली जिन्ना का भी किसी न किसी तरह से लिंक है..वो कैसा लिंक है, चलिए अब आपको उसके बारे में बताते हैं.नुस्ली वाडिया ठहरे एक पक्के बिज़नेस मैन. और पॉलिटिकल सपोर्ट की ज़रूरत हर बिज़नेस मैन को होती ही होती है. तो ऐसा कहा जाता है कि उन्होंने बीजेपी को चुना... कहते हैं कि बीजेपी को फाइनेंशली तौर पर नुस्ली वाडिया ने ही मजबूत किया. वैसे तो भारतीय जनता पार्टी के सफर की शुरुआत साल 1951 में डॉक्टर श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने भारतीय जन संघ के तौर पर की थी. लेकिन इसे ऊंचाइयां तब मिलीं जब अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व में 6 अप्रैल, 1980 को भारतीय जनता पार्टी यानी भाजपा के तौर पर इसका गठन हुआ. और अटल बिहारी वाजपेई की नीतियों से प्रभावित होकर ही नुस्ली वाडिया ने बीजेपी की ज़ोरदार फंडिंग की. आप शायद सोच रहे होंगे कि नुस्ली वाडिया ने कांग्रेस को फाइनेंशियल सपोर्ट देने के लिए क्यों नहीं चुना. तो आपको बता दें कि नुस्ली वाडिया दूरदृष्टि थे..वो जानते थे कि आने वाला दौर भाजपा का ही है. उन्होंने शायद पहले ही फ्यूचर प्रिडिक्ट कर लिया था. उन्होंने जैसा सोचा, आज वैसा ही हो रहा है... आज भारतीय जनता पार्टी पूरी मजबूती के साथ देश में अपनी सरकार चला रही है... वो बात और है कि वाडिया ग्रुप के वो दिन नहीं रहे जैसे पहले हुआ करते थे. लेकिन नुस्ली वाडिया के बेटे नेस वाडिया पूरी कोशिश के साथ वाडिया ग्रुप को बढ़ाने में पुरी जी जान से लगे हुए हैं... वो अपने खानदानी बिजनेस को तो बढ़ा ही रहे हैं, साथ ही आईपीएल की किंग्स इलेवन पंजाब टीम को भी अपनी पूर्व प्रेमिका प्रीति जिंटा के साथ ओन करते हैं.

इसके अलावा एक पारसी होने के नाते पारसी प्रथा को बढ़ावा देने के लिए ज़रूरतमंद पारसी परिवारों की मदद करने के लिए मुंबई में 'नौरोज़ जी नूसीरवानजी वाडिया ट्रस्ट और रुस्तोम जी नौरोज़ जी ट्रस्ट' भी चलाते हैं. ट्रस्ट के अलावा वाडिया ग्रुप में पुणे वाडिया कॉलेज, नेस वाडिया फाउंडेशन जैसे संस्थान भी शामिल हैं.

नेस वाडिया का बॉलीवुड कनेक्शन भी काफ़ी मज़बूत है. सलमान ख़ान, सैफ अली ख़ान, करण जौहर से लेकर कई बड़े कलाकारों के अच्छे दोस्त हैं. वो बात और है कि शाह रुख खान के साथ उनकी नहीं बनती.तो खैर बात थी सिर्फ जिन्ना, उनकी वाडिया फैमिली और भारतीय जनता पार्टी के कनेक्शन की... इस ट्रायंगुलर सी    लव एंड हेट स्टोरी में निष्कर्ष यही निकलता है कि जिस जिन्ना ने जो खुद ही कनवर्टेड मुसलमान था .धर्म और मज़हब की आड़ लेकर देश के जो टुकड़े किये, ये उनकी अगली पीढ़ी को ही कुबूल नहीं हुआ. और उनकी पीढ़ी ने उस सियासी दल का साथ दिया जो जिन्ना की 2 नेशन थ्योरी वाली नीति का विरोध शुरू से करती आई है.

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