सहकारिता के माध्यम से ही दलित ,शोषित समाज का विकास संभव

Sahkar bharti

केंद में सहकारिता मंत्रालय के गठन का सहकार भारती ने किया स्वागत

देश की अर्थव्यवस्था में सहकारिता क्षेत्र का महत्वपूर्ण योगदान: पंकज सहोड़

ऊना। 
केंद्र सरकार द्वारा सहकार भारती की चिरलम्बित मांग को पूर्ण करते हुए पृथक सहकारिता मंत्रालय का गठन किया गया है। सहकार भारती की 27, 28 फरवरी, 2021 को नई दिल्ली में सम्पन्न राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में अलग से सहकारिता मंत्रालय बनाने का प्रस्ताव पारित करके केंद्र सरकार को दिया था। सहकार भारती का मानना है कि सहकारिता के माध्यम से ही समाज का स्थायी विकास सुनिश्चित किया जा सकता है।

सहकारिता के माध्यम से ही समाज के दलित, शोषित, असमर्थ, निर्धन और निर्बल घटकों का सामाजिक, आर्थिक विकास और उत्थान सम्भव है। सहकारिता इन वर्गों के  विकास का अलग से स्वामित्व वाला मॉडल है।


97वें सविंधान संशोधन के पास होने से नई सहकारी संस्थाओं के गठन का मार्ग प्रशस्त हुआ है। इसलिए स्वतन्त्र सहकारिता मंत्रालय क गठन की नितांत आवश्यकता थी। सहकार भारती केंद्र की "सहकारिता से समृद्धि की ओर" की सोच और दृष्टि का पुरजोरदार समर्थन करती है। संगठन का मानना है कि इस मंत्रालय के गठन से देश की अर्थव्यवस्था में सहकारिता क्षेत्र का महत्वपूर्ण योगदान होगा तथा देश मे सहकारिता क्षेत्र अधिक सबल होगा। सहकार भारती ने इस निर्णय के लिए केंद्र सरकार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मन्त्री अमित शाह, भाजपा के राष्ट्रीय  अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा, संगठन मन्त्री बीएल सन्तोष का आभार व्यक्त किया है।

सहकार भारती ने इस पृथक स्वतंत्र मंत्रालय की महत्वपूर्ण जिम्मेवारी गृह मन्त्री अमित शाह को मिलने के लिए उन्हें बधाई और शुभकामनाएं दी है और विश्वास व्यक्त किया है कि उनके नेतृत्व में यह मंत्रालय देश के विकास में मील का पत्थर साबित होगा।


इस सम्बंध में सहकार भारती हिमाचल प्रान्त सचिव पंकज सहोड़,  प्रदेश पदाधिकारी विजय मलांगड़ ने इस निर्णय के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और सहकार भारती के राष्ट्रीय अध्यक्ष रमेश वैद्य, राष्ट्रीय महामंत्री उदय जोशी और राष्ट्रीय संगठन मन्त्री संजय व पाचपोर के इस निमित किए गए प्रयासों के लिए हार्दिक आभार  व्यक्त किया है ।

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