उच्च शिक्षा के विकास के लिए प्रोत्साहन नीति को मिली मंजूरी

Incentive policy for development of higher education approved
Incentive policy for development of higher education approved


लखनऊ डेस्क (आर एल पाण्डेय).  योगी सरकार ने राज्य में उच्च शिक्षा के क्षेत्र को सुदृढ़ करने और युवाओं के लिए गुणवत्तापूर्ण शिक्षा सुनिश्चित करने के उद्देश्य से 'उत्तर प्रदेश उच्च शिक्षा प्रोत्साहन नीति, 2024' को लागू किया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में मंगलवार को आयोजित कैबिनेट बैठक में इस नीति को मंजूरी दी गई। इस नीति के तहत प्रदेश में निजी विश्वविद्यालयों की स्थापना को बढ़ावा देने के लिए प्रायोजक निकायों को प्रोत्साहन दिया जाएगा, जिससे प्रदेश के असेवित और पिछड़े क्षेत्रों में उच्च शिक्षा तक पहुंच बढ़ाई जा सकेगी।

उच्च शिक्षा मंत्री योगेंद्र उपाध्याय ने जानकारी दी कि यह नीति प्रदेश में बढ़ती उच्च शिक्षा की मांग को पूरा करने के लिए निजी निवेश को प्रोत्साहित करेगी। इसके माध्यम से छात्रों को राज्य में ही उच्च गुणवत्ता की शिक्षा प्राप्त करने का अवसर मिलेगा। उन्होंने कहा कि यह नीति राज्य को 1 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने के लक्ष्य की ओर तेजी से आगे बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। इसके अलावा, निजी विश्वविद्यालयों की स्थापना से प्रदेश के युवाओं के लिए प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार के अवसर भी उत्पन्न होंगे।

इस नीति के अंतर्गत, प्रायोजक निकायों को स्टाम्प शुल्क में छूट, कैपिटल सब्सिडी और विशेष लाभ प्रदान किए जाएंगे। साथ ही, एनआईआरएफ (NIRF) रैंकिंग में शीर्ष 50 में स्थान प्राप्त करने वाले विश्वविद्यालयों को भी अतिरिक्त लाभ दिए जाएंगे। सरकार को उम्मीद है कि यह नीति उच्च शिक्षा के क्षेत्र में छात्रों के लिए नए विकल्प खोलेगी, जिससे प्रदेश में उच्च शिक्षा का सकल नामांकन अनुपात बढ़ेगा और राज्य की आर्थिक प्रगति को भी बल मिलेगा।

कैबिनेट बैठक में मथुरा और मेरठ में दो नए निजी विश्वविद्यालयों की स्थापना के प्रस्तावों को भी मंजूरी दी गई। मथुरा में केडी विश्वविद्यालय की स्थापना के लिए 'राजीव मेमोरियल एकेडमिक वेलफेयर सोसाइटी' को आशय-पत्र जारी किया गया है। यह विश्वविद्यालय मथुरा के ग्राम अकबरपुर, तहसील छाता में 50.54 एकड़ भूमि पर स्थापित किया जाएगा। इसी प्रकार, मेरठ में विद्या विश्वविद्यालय की स्थापना के लिए 'विद्या बाल मण्डली' द्वारा 42.755 एकड़ भूमि पर प्रस्ताव प्रस्तुत किया गया है। इसके लिए भी सरकार ने संबंधित संस्था को आशय-पत्र जारी किया है।

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