आसान नही है उत्तराखंड में धामी की राह ,कालसर्प दोष के चलते छोड़ना पड़ा सकता है मुख्यमंत्री का  पद 

पुष्कर सिंह धामी

 ज्योतिषी की अंक गणना:

अब इस कारण *धामी* की राह नहीं आसान

पंडित शशिपाल डोगरा ने की उत्तराखंड के नवनियुक्त मुख्यमंत्री पर भविष्यवाणी

*सत्यदेव शर्मा सहोड़*

शिमला।
उत्तराखंड के युवा मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की राह भी आसान नहीं दिख रही है। यह भविष्यवाणी की है वशिष्ठ ज्योतिष सदन के अध्यक्ष एवं अंक ज्योतिषि पंडित शशिपाल डोगरा ने। ज्योतिषी की नजर में उत्तराखंड के 11वें मुख्यमंत्री काल सर्प योग की चपेट में हैं। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने 4 जुलाई, 2021 को शपथ ग्रहण की। अंक ज्योतिष के अनुसार 4 का अंक राहु का कारक है और राहु षड्यंत्र का कारक ग्रह है।4+7+2+0+2+1=16=1+6=7 केतु का अंक 4 व 7 अंक के कारण काल सर्प की चपेट में उत्तराखंड के युवा मुख्यमंत्री आ गए हैं।

जिस कारण उनके लिए मुख्यमंत्री की राह आसान नहीं है। उनको अपनी सत्ता बचाने के लिए बहुत संघर्ष करना पड़ सकता है। धामी को अपना कार्यकाल पूरा करना इतना आसान नहीं होगा। पंडित डोगरा ने आशंका जाहिर की है कि चार से सात माह के अंदर विरोध के स्वर निकलने शुरू हो जाएंगे। मुख्यमंत्री धामी का जन्म 16 सितंबर, 1975 का है। उनका मूलांक 7 बनता है, यह अंक केतु का कारक है। केतु अचानक बड़ा पद देता है।

1+6+9+1+9+7+5=38=3+8=11=1+1=2 चंद्र का अंक है। उत्तराखंड के 11वें मुख्यमंत्री बने 1+1=2 चंद्र का अंक है और चंद्रमां मन का कारक भाग्य अंक पर मुख्यमंत्री का पद मिला।2021 का 5 अंक बनता है। 5 बुध का अंक है बुध युवा को मौका जरूर देता है, परन्तु बुध व चंद्र आपस में शत्रु हैं। जिसके कारण मार्ग इतना आसान नहीं है। धामी का मूलांक 7 है और वर्ष 2021 का 5 अंक है। 7+5=12=1+2=3 अंक बनता है। यह 3 का अंक  गुरु का है और बुध का कारक है। उत्तराखंड में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को अपने सीनियर नेताओं के द्वारा संकट उत्पन्न हो सकता है। युवा मुख्यमंत्री धामी के भाग्यांक 2 पर राहु 4 अंक का प्रकोप है। जिसके कारण भाग्य में अड़चन न डाले और ऐसा न हो कि उत्तराखंड को फिर से परिवर्तन न करना पड़े। 

ज्योतिषी

*सटीक हुई थी भविष्यवाणी*

धामी
इससे पहले हाल ही में वशिष्ठ ज्योतिष सदन के अध्यक्ष पंडित शशिपाल डोगरा ने उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री तीर्थ सिंह रावत पर सटीक भविष्यवाणी की थी। पंडित डोगरा ने करीब चार माह पहले ही घोषणा कर दी थी कि तीर्थ सिंह रावत का कार्यकाल पूरा नहीं होगा। यह भविष्यवाणी सच सिद्ध हुई थी।

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