कोविड की तीसरी लहर में सुरक्षित रह सकती है दो तिहाई जनता ,vaccination से बनी एंटीबाडी
आई सी एम आर के सीरो सर्वे के अनुसार देश की दो-तिहाई आबादी में कोविड एंटीबॉडी पायी गई
balrambhargav@Noa
newsonair akashavani samachar के अनुसार
सरकार ने कहा है कि देश की लगभग 40 करोड जनसंख्या अब भी कोविड से असुरक्षित है। भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद के महानिदेशक डॉ. बलराम भार्गव ने बताया कि चौथे चरण का राष्ट्रीय सीरो-सर्वेक्षण 70 जिलों में जून-जुलाई में कराया गया था।
यह सर्वेक्षण 28 हजार से अधिक लोगों के अलावा, सात हजार से अधिक स्वास्थ्यकर्मियों पर किया गया। उन्होंने बताया कि यह सीरो-सर्वेक्षण पिछले तीन चरण के सर्वेक्षण से कुछ अलग था। चौथे चरण के इस सर्वेक्षण में 6 से 17 वर्ष के बच्चों को शामिल किया गया।
4th round of national sero-survey for #COVID19 - Overall sero-prevalence is 67.6% in the entire population
— PIB India (@PIB_India) July 20, 2021
Amongst the adults in the survey, 62.2% people were not vaccinated, while 24.8% had taken single dose of vaccine and 13% were fully vaccinated - DG @ICMRDELHI pic.twitter.com/GHLPYUEKsE
डॉक्टर भार्गव ने बताया कि सर्वेक्षण में पाया गया कि देश की 67 प्रतिशत से अधिक आबादी में एंटीबॉडी पाई गई है। उन्होंने बताया कि टीका नहीं लगवाने वाले 62 प्रतिशत से अधिक, टीके की एक डोज लेने वाले 81 प्रतिशत से अधिक और टीके की दोनों डोज लेने वाले 89 प्रतिशत से अधिक लोगों में एंटीबॉडी पाई गई है।
डॉ. भार्गव ने बताया कि सामान्य जनसंख्या के दो-तिहाई लोगों में एंटीबॉडी पाई गई है। उन्होंने बताया कि 6 से 17 वर्ष तक की आयु के आधे से अधिक बच्चों में एंटीबॉडी पाई गई है।
डॉक्टर भार्गव ने बताया कि सर्वेक्षण में स्पष्ट रूप से आशा कि किरण दिखती है लेकिन निश्चिंत होने की कोई गुंजाइश नहीं है। उन्होंने बताया कि सामाजिक, सार्वजनिक, धार्मिक और राजनीतिक सभाएं करने से बचा जाना चाहिए।
नीति आयोग के सदस्य डॉक्टर वी.के. पॉल ने बताया कि अब भी तीन लोगों में से एक कोविड से असुरिक्षत है। उन्होंने बताया कि महामारी खत्म नहीं हुई है और दूसरी लहर अभी जारी है।
डॉक्टर पॉल ने कहा कि नये वायरस के फैलने का खतरा बरकरार है, कुलमिलाकर देश के लिए असुरक्षा अब भी बनी हुई है।
डॉक्टर पॉल ने कहा कि राष्ट्रीय स्तर पर इस सीरो-सर्वेक्षण से राज्य, जिला और उप-जिला स्तर पर महामारी को पूरी तरह नहीं समझा जा सकता। उन्होंने रोग के फैलाव को आबादी के विशिष्ट स्तर पर समझने के लिए समय पर और उच्च क्वालिटी का सीरो-सर्वेक्षण कराये जाने का सुझाव दिया।