प्रधानमंत्री जी के विजन तथा संकल्प के साथ प्राणपण से जुड़कर भारत को विकसित भारत बनाने की दिशा में कार्य करना हम सभी का दायित्व

It is the responsibility of all of us to work wholeheartedly towards making India a developed India by joining the vision and resolve of the Prime Minister
It is the responsibility of all of us to work wholeheartedly towards making India a developed India by joining the vision and resolve of the Prime Minister
उत्तर प्रदेश डेस्क लखनऊ(आर एल पाण्डेय)। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने प्रदेशवासियों को श्रीकृष्ण जन्माष्टमी की हार्दिक बधाई व शुभकामनाएं देते हुए कहा कि हम सभी के मन में राष्ट्रवीरों के प्रति अगाध श्रद्धा और सम्मान का भाव ही भारत की सबसे बड़ी ताकत है। भारत माता के महान सपूत व राष्ट्र नायक श्री दुर्गादास राठौर की भव्य प्रतिमा का लोकार्पण ऐसे समय में हो रहा है, जब इस देश में काकोरी ट्रेन एक्शन की शताब्दी महोत्सव मनाया जा रहा है।


मुख्यमंत्री जी आज जनपद आगरा में राष्ट्रवीर दुर्गादास राठौर की अष्टधातु से निर्मित 15 फीट ऊंची प्रतिमा का अनावरण करने के पश्चात अपने विचार व्यक्त कर रहे थे। उन्होंने राष्ट्रवीर दुर्गादास राठौर की प्रतिमा के सामने स्थित उनके चित्र पर माल्यार्पण कर पुष्पांजलि अर्पित की। इसके पश्चात उन्होंने नजदीक ही स्थापित माँ अहिल्याबाई होल्कर जी की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर उन्हें श्रद्धांजलि दी। राठौर समाज के गणमान्य व्यक्तियों द्वारा मुख्यमंत्री जी को मोमेन्टो प्रदान किया गया। 


मुख्यमंत्री जी ने कहा कि 09 अगस्त, 1925 को देश की स्वतंत्रता के लिए लखनऊ में पण्डित राम प्रसाद बिस्मिल, ठा0 रोशन सिंह, अशफाकउल्ला खाँ, चन्द्रशेखर आजाद जैसे क्रांतिकारियों ने ट्रेन एक्शन की घटना को अंजाम देकर अंग्रेज हुकूमत को चुनौती दी थी। उस समय ब्रिटिश सत्ता पूरी तरह से हिल गई थी। ट्रेन एक्शन के माध्यम से क्रांतिकारियों को लगभग 4,600 रुपये प्राप्त हुए थे, लेकिन इन क्रांतिकारियों को गिरफ्तार करने व सजा दिलाने में अंग्रेजों ने 10 लाख रुपये खर्च किए थे। हमारा सौभाग्य है कि हम काकोरी ट्रेन एक्शन के शताब्दी महोत्सव के माध्यम से ब्रिटिश हुकूमत की चूलें हिलाने वाले भारत माता के महान सपूतों व राष्ट्र नायकों को सम्मान देकर उनके प्रति श्रद्धांजलि अर्पित कर रहे हैं। इसी क्रम में उन्हें राष्ट्रवीर दुर्गादास राठौर जी की भव्य प्रतिमा का अनावरण करने का अवसर प्राप्त हुआ है।


मुख्यमंत्री जी ने कहा कि हम सभी इतिहास के बारे में जानते हैं कि दुष्ट औरंगजेब का आगरा से भी सम्बन्ध था। यहां हिन्दवी पद पादशाही के महानायक छत्रपति शिवाजी महाराज ने औरंगजेब की सत्ता को चुनौती दी थी। उन्होंने औरंगजेब से कहा था कि तुम चूहे की तरह तड़पते रह जाओगे, लेकिन तुम्हें हिन्दुस्तान पर कब्जा नहीं करने देंगे। उस समय राजस्थान में जोधपुर नरेश महाराजा जसवन्त सिंह मोर्चा संभाल रहे थे। राष्ट्रवीर दुर्गादास राठौर महाराजा जसवंत सिंह के महत्वपूर्ण सेनापति थे। औरंगजेब ने जोधपुर रियासत पर कब्जा करने का अनेक बार प्रयास किया, लेकिन वह सफल नहीं हो सका। क्योंकि जहां पर राष्ट्रवीर दुर्गादास राठौर जैसे योद्धा व मातृभूमि के सपूत हों तो कोई विदेशी आक्रान्ता कैसे कब्ज़ा कर सकता है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि औरंगजेब चालबाज एवं दुष्ट प्रवृत्ति का व्यक्ति था। औरंगजेब ने महाराजा जसवंत सिंह से संधि की चाल चली। उसने महाराजा जसवंत सिंह से कहा था कि वह जोधपुर रियासत पर आक्रमण नहीं करेगा, लेकिन बदले में उसे उनका सहयोग चाहिए। उसने लालच देते हुए कहा कि अफगानी हिन्दुस्तान पर कब्जा करना चाहते हैं, आप उनको सम्भालिए, वह इस कार्य में सहयोग करेगा। उसने महाराजा जसवंत सिंह को अफ़गानियों का मुकाबला करने के लिए भेजा तथा पीछे से हमला करके उनकी हत्या कर दी। महाराजा जसवंत सिंह का पुत्र राजकुमार अजीत सिंह अकेला पड़ गया। औरंगजेब ने राजकुमार अजीत सिंह को भी धोखे से मारने का षडयंत्र रचा। मुगल सैनिकों को भेज कर उन्हें कैद करने का प्रयास किया। वीर दुर्गादास राठौर संन्यासी वेश धारण कर राजकुमार को सुरक्षित जगह पर ले गए। उन्होंने राजकुमार के बालिग हो जाने पर उत्साह के वातावरण में जोधपुर में उसका राज्याभिषेक किया। 


मुख्यमंत्री जी ने कहा कि राष्ट्रवीर दुर्गादास राठौर का संघर्ष राष्ट्र, स्वधर्म तथा स्वाभिमान को समर्पित था। उन्होंने जीवन के अन्तिम समय तक राष्ट्र भूमि के प्रति अपने कर्तव्यों का निर्वहन किया। अजीत सिंह ने जोधपुर का राजा बनने के पश्चात श्री दुर्गादास राठौर जी से प्रधानमंत्री बनने का अनुरोध किया। लेकिन श्री दुर्गादास जी ने कहा उन्होंने महाराजा जसवंत सिंह को दिया गया आश्वासन पूरा किया है, अब वह जीवन से संन्यास लेकर परम मोक्ष की ओर जाना चाहते हैं। उन्होंने उज्जैन जाकर परम मोक्ष की साधना में अपने जीवन को आगे बढ़ाया, 81 वर्ष की आयु में उन्हें मोक्ष की प्राप्त हुई।


मुख्यमंत्री जी ने कहा कि जिस देश में दुर्गा दास राठौर जैसे वीर पैदा होते हों, कोई विदेशी आक्रांता उस देश का बाल बांका नहीं कर सकता है। भारत को ऐसे ही वीरों के शौर्य, पराक्रम व कृतित्व से स्वतंत्रता प्राप्त हुई। जब पंडित राम प्रसाद बिस्मिल को गोरखपुर जेल में फांसी के फंदे की ओर ले जाया जा रहा था तो अंग्रेजों द्वारा उनकी अन्तिम इच्छा पूछने पर उन्होंने कहा था कि ‘इस भारतवर्ष में सौ बार मेरा जन्म हो, कारण सदा ही मृत्यु का देशोपकारक कर्म हो’। इसी प्रकार ‘तेरा वैभव अमर रहे माँ, हम दिन चार रहें न रहें’ का भाव व घोष भारत के सभी क्रांतिकारियों का था। 


मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने देशवासियों को वर्ष 2047 तक भारत को दुनिया की सबसे बड़ी शक्ति रूप में स्थापित करने का विजन तथा विकसित भारत का संकल्प दिया है। हम सभी का दायित्व बनता है कि हम प्रधानमंत्री जी के विजन तथा संकल्प के साथ प्राण-पण से जुड़कर भारत को विकसित भारत बनाने की दिशा में कार्य करें। आगरा ब्रज भूमि का एक महत्वपूर्ण स्थल है। यहां के कण-कण में राधे-कृष्ण का वास माना गया है। यहां की कला, संस्कृति, विश्वास, आस्था व समर्पण का भाव राष्ट्र निष्ठा के रूप में प्रकट होना चाहिए। राष्ट्र निष्ठा व्यक्तिगत कर्तव्यों से आगे बढ़ती है। राष्ट्रधर्म से बढ़कर कोई धर्म नहीं होता। उन्होंने हाल ही में बांग्लादेश की घटना का स्मरण कराते हुए कहा कि वह गलतियां यहां नहीं होनी चाहिए। राष्ट्र तब सशक्त होगा, जब हम एक व नेक रहेंगे। सुरक्षित रहेंगे तथा समृद्धि की पराकाष्ठा पर पहुंचेंगे। हमें विकसित भारत की संकल्पना को साकार करने के लिए कार्य करना है।


मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रधानमंत्री जी द्वारा उल्लेखित पंचप्रणों में गुलामी के अंशों को समाप्त करने, वीरों व सैनिकों का सम्मान करने, एकता और एकात्मकता के लिए कार्य करने, किसी को भी समाज में विद्वेष फैलाने की छूट न देने, जाति, क्षेत्र व भाषा आदि के नाम पर बांटने वाली ताकतों से सावधान रहने तथा अपने नागरिक कर्तव्यों का पालन करते हुए भारत को दुनिया की सबसे बड़ी ताकत के रूप में स्थापित करने का देशवासियों से आह्वान किया गया है। राष्ट्रवीर दुर्गादास राठौर जी का भी यही संकल्प था। यही कारण है कि उस समय उनके मन में सबसे बड़ी ताकत से टकराने का जज्बा था।


बहुत सारे ऐसे लोग भी थे, जिन्होंने जमींदारी व पद प्राप्त करने के लिए अंग्रेजों तथा मुगलों के सामने आत्म समर्पण कर दिया था। ऐसे लोगों का नाम इतिहास में गुम हो गया। उन्हें कोई याद नहीं करता। आज लोग राष्ट्रवीर दुर्गादास जी राठौर के नाम का स्मरण कर रहे हैं। उनके नाम का स्मरण राजस्थान तथा मध्य प्रदेश के लोग पूर्ण श्रद्धा और सम्मान के भाव के साथ करते हैं। लोग उनकी पूजा अवतारी पुरुष के रूप में करते हैं। उन्होंने कहा कि वह यहां यही श्रद्धा का भाव प्रकट करने आए हैं। राष्ट्रवीर दुर्गादास राठौर जी की प्रतिमा को देखकर ऐसा लगता है कि मानो 10 वर्ष से यह प्रतिमा उनकी ही प्रतीक्षा कर रही थी। उन्होंने कहा कि वह विगत 13 अगस्त को ‘हर घर तिरंगा अभियान’ से जुड़ने के कारण प्रतिमा के अनावरण हेतु नहीं आ सके थे। आज श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के पावन दिवस पर प्रतिमा के अनावरण का शुभ अवसर प्राप्त हुआ है।


कार्यक्रम को केन्द्रीय मत्स्य, पशुपालन और डेयरी राज्यमंत्री प्रो0 एस0पी0 सिंह बघेल ने सम्बोधित करते हुए कहा कि राष्ट्रवीर दुर्गादास राठौर तथा माँ अहिल्याबाई होल्कर का जीवन हम सभी के लिए प्रेरणादायी है। दुर्गादास जी ने अपने शौर्य और पराक्रम से औरंगजेब के सामने चुनौती प्रस्तुत की। माँ अहिल्याबाई होल्कर ने 13 हजार से अधिक मन्दिरों व तीर्थ स्थलों का जीर्णांद्धार कराया। हमें ऐसे पूर्वजों पर गर्व है। 
इस अवसर पर महिला कल्याण मंत्री श्रीमती बेबी रानी मौर्य, उच्च शिक्षा मंत्री श्री योगेन्द्र उपाध्याय, होमगार्ड्स एवं नागरिक सुरक्षा राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री धर्मवीर प्रजापति सहित अन्य जनप्रतिनिधिगण, राठौर समाज के पदाधिकारी तथा अन्य गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।

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