Amazing temple in India 1995 से राजस्थान में बन रहा है ॐ के आकार का मंदिर जानिए क्या है खासियत 

om temple rajasthan
 ॐ के आकार के इस अद्भुत और अनोखे मंदिर के बारे में जानें सब कुछ


भारत आध्यात्मिकता, धर्म और विविध सांस्कृतिक प्रथाओं का देश है... भारतीय संस्कृति के सबसे प्रमुख पहलुओं में से एक इसके शानदार मंदिर हैं... हमारे देश में मंदिर न केवल पूजा स्थल हैं, बल्कि देश के समृद्ध इतिहास और संस्कृति को प्रदर्शित करने वाले वास्तुशिल्प चमत्कार भी हैं... चलिए आज हम आपको एक ऐसे अनोखे मंदिर के बारे में बताने जा रहे हैं जिसका आकार अद्भुत है...

हम जिस मंदिर की बात कर रहे हैं वो राजस्थान के पाली जिले की मारवाड़ तहसील के जाडन गांव में अभी बन कर तैयार हुआ है... सबसे खास बात यह है कि इसकी आकृति ॐ के जैसी बनाई गई है... भगवान शिव के इस मंदिर के बारे में बताया गया है कि पृथ्वी पर ॐ के आकर वाला ये पहला मंदिर होगा... यह अद्भुत और अनोखा मंदिर यूं ही बनकर तैयार नहीं हो गया बल्कि इसको बनाने के लिए चार साल गहन अध्ययन और शोध किया गया... आपको जानकर हैरानी होगी कि इस मंदिर को बनाने में 28 साल का समय लग गया... जी हां, 23 जनवरी साल 1995 से इस मंदिर का निर्माण कार्य चल रहा है... इस मंदिर की लंबाई पूर्व से पश्चिम तक 185 मीटर है और उतर से दक्षिण तक 252 मीटर है... वहीं अगर इस मंदिर की ऊंचाई की बात करें तो इसकी ऊंचाई 38.05 मीटर है... 

मंदिर की वास्तु कला कैसी है चलिए इसके बारे में भी आपको जानकारी दे देते हैं... इस मंदिर की एक मंजिल भूगर्भ में स्थित है... इसमें 108 सुंदर नक्काशीदार कमरे बने हुए हैं... मंदिर के मध्य तल में ब्रह्मलीन श्री स्वामी माघवानन्द पुरी जी महाराज की समाधि भी बनी हुई है, जिस पर सप्तऋषि की मूर्ति स्थापित है... वहीं समाधी भवन में 24 अवतारों की चित्रकारी भी है...

बताया जा रहा है कि इस खास मंदिर के मध्य में द्वादश ज्योतिर्लिंग के साथ शिव परिवार भी स्थापित होगा... इसके अलावा गर्भगृह में भगवान शिव की 108 मूर्तियां लगेंगी... मंदिर के अग्रभाग में भव्य सभागार है, जिसमें 108 कुर्सी की क्षमता होगी... 

इस ॐ मंदिर के चंद्र बिंदु को नौ मंजिला कीर्ति स्तंभ का रूप दिया गया है, जिसकी ऊंचाई 42 मीटर है... इस कीर्ति स्तंभ में 12 मंदिर और 2. 5 लाख लीटर क्षमता वाली पानी की टंकी भी बनाई गई है... उस टंकी के ऊपर सूर्य मंदिर स्थापित होगा और इस सूर्य मंदिर के आठ चक्र प्रतीत होंगे... खास बात यह भी है कि ॐ मंदिर के अर्ध चंद्र को पानी की झील के रूप में दर्शाया जाएगा, जो शीतलता का प्रतीक है... इस मंदिर परिसर में कुल 2000 स्तंभ है, जो शिल्पकला से सजाए गए हैं... शिव मंदिर में 200 स्तंभ हैं, जिन पर अनेकों देवी देवताओं की मूर्तियां हैं... मंदिर परिसर में कुल 108 कक्ष हैं... मंदिर का शिखर 135 फीट ऊंचा है... खास बात यह है कि आश्रम के निर्माण में धौलपुर के बंसी पहाड़ के पत्थरों का इस्तेमाल किया गया है...

इस मंदिर को ॐ के आकार में क्यों बनाया गया है इसके पीछे की क्या वजह है यह भी जान लीजिए... और इसे जानने के लिए आपको सनातन संस्कृति में ओम का महत्व समझना होगा...

दरअसल हिंदू संस्कृति में ॐ का उच्चारण सबसे पवित्र और प्रभावशाली माना गया है... माना जाता है कि ॐ के तीन अक्षरों में त्रिदेव यानी कि ब्रह्मा, विष्णु, महेश की साक्षात मौजूदगी है... यह भी कहते हैं कि ॐ के जाप से तीनों शक्तियों का एक साथ आवाहन हो जाता है... इसके अलावा गायत्री मंत्र, यज्ञ में आहुतियां देने वाले मंत्र के अलावा कई मंत्रों के जाप ॐ से ही शुरू होते हैं... बस यही वजह है कि मंदिर की भव्यता को बढ़ाने और सबसे अलग करने के लिए ही इस मंदिर के आकार को ओम की तरह दिया गया है...

भगवान शिव के इस मंदिर का लोकार्पण का 10 फरवरी को होगा... इस समझ में देशभर की प्रमुख हस्तियों के अलावा 60 देशों के विदेशी मेहमान शिरकत करेंगे... इस कार्यक्रम की भव्यता पर चार चांद लगाने के लिए तेजी से तैयारी चल रही है...  मेहमानों के आगमन की सुविधा के लिए आश्रम परिसर में 100 स्वीट होम तैयार किए गए हैं, जहां मेहमानों के ठहरने की व्यवस्था की जाएगी... मुख्य समारोह 19 फरवरी को होगा, जिसमें सांस्कृतिक कार्यक्रम और विशेष पूजा-अर्चना होगी...

तो यकीनन इस मंदिर का दौरा करना न केवल एक आध्यात्मिक अनुभव होगा, बल्कि भारत के समृद्ध इतिहास और संस्कृति की यात्रा भी होगी...

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