Basant Panchami 2024 : How do we celebrate Basant Panchami? हम कैसे मनाते हैं बसंत पंचमी जानिए
बसंत पंचमी की शुरुआत का महत्व
वसंत ऋतु का प्रारंभ : बसंत पंचमी वसंत ऋतु की शुरुआत का प्रतीक है। इस दिन से, मौसम धीरे-धीरे ठंडा से गर्म होने लगता है, और प्रकृति नई ऊर्जा और जीवन से भर जाती है।
ज्ञान और विद्या की देवी सरस्वती की पूजा: बसंत पंचमी ज्ञान और विद्या की देवी सरस्वती की पूजा का दिन भी है। इस दिन, लोग देवी सरस्वती की पूजा करते हैं और उनसे ज्ञान, बुद्धि और कला के लिए आशीर्वाद मांगते हैं।
पीले रंग का महत्व: बसंत पंचमी को पीले रंग का विशेष महत्व है। पीला रंग ज्ञान, उल्लास और खुशी का प्रतीक है। इस दिन लोग पीले रंग के कपड़े पहनते हैं, पीले रंग के पकवान बनाते हैं और पीले रंग के फूलों से देवी सरस्वती की पूजा करते हैं।
पतंग उड़ाना: बसंत पंचमी के दिन पतंग उड़ाना एक लोकप्रिय परंपरा है। पतंग उड़ाना खुशी और उत्सव का प्रतीक है। यह आकाश में रंगों का एक सुंदर नज़ारा पेश करता है।
सामाजिक और सांस्कृतिक महत्व: बसंत पंचमी सामाजिक और सांस्कृतिक रूप से भी महत्वपूर्ण है। इस दिन लोग एक दूसरे से मिलते हैं, बधाई देते हैं और मिठाइयाँ बांटते हैं। यह त्योहार लोगों को एकजुट करने और सामाजिक बंधन को मजबूत करने का काम करता है।
14 फरवरी वैलेंटाइन डे राशिफल
बसंत पंचमी
देवी सरस्वती की पूजा: लोग अपने घरों और स्कूलों में देवी सरस्वती की पूजा करते हैं। वे देवी को पीले रंग के फूल, फल, मिठाई और अन्य भेंट चढ़ाते हैं।
पीले रंग के कपड़े पहनना: लोग पीले रंग के कपड़े पहनते हैं, जो ज्ञान, उल्लास और खुशी का प्रतीक है।
पतंग उड़ाना: लोग अपने परिवार और दोस्तों के साथ पतंग उड़ाते हैं। यह आकाश में रंगों का एक सुंदर नज़ारा पेश करता है।
मिठाइयाँ बांटना: लोग एक दूसरे को मिठाइयाँ बांटते हैं और त्योहार की खुशी मनाते हैं।
शुभ मुहूर्त
पंचमी तिथि समाप्त: 14 फरवरी 2024 को दोपहर 12:09 बजे
सरस्वती पूजा का शुभ मुहूर्त: 14 फरवरी 2024 को सुबह 07:00 बजे से दोपहर 12:41 बजे तक
अभिजित मुहूर्त: 14 फरवरी 2024 को सुबह 11:50 बजे से 12:40 बजे तक